भारत की सांस्कृतिक थाती है काशी की रामलीला

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राजकुमार प्रसुन।

क्षेत्रीय पुरातत्त्व इकाई वाराणसी, इन्टेक वाराणसी अध्याय और क्षेत्रीय अभिलेखागार, संस्कृत विभाग उ०प्र० के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित विश्व धरोहर सप्ताह के अन्तर्गत आज दिनांक 22 नवंबर, 2021को काशी की रामलीला पर आधारित छायाचित्र प्रदर्शनी और व्याख्यान का आयोजन किया गया। छायाचित्र प्रदर्शनी में वाराणसी के प्रसिद्ध छायाकार श्री विनय रावल और श्री बलराम यादव द्वारा काशी की रामलीला के चित्रों का मनोहारी प्रदर्शनी लगाई गई। रामलीला के विविध प्रसंगों और पात्रों के चित्रों को दर्शकों ने खूब पसंद किया।

प्रदर्शनी का उद्घाटन प्रसिद्ध छायाकार डॉ गौतम चक्रवर्ती,न और कलाविद प्रो० मारूति नंदन प्रसाद तिवारी ने दीप प्रज्वलित कर किया। तदोपरांत प्रो०मारूति नन्दन प्रसाद तिवारी ने व्याख्यान प्रस्तुत किया। व्याख्यान में डॉ तिवारी ने कहा कि काशी में रामलीला आज भी अपने गौरवशाली रूप में प्रस्तुत की जा ती है। मेधाभगत, गोस्वामी तुलसीदास जी द्वारा प्रारंभ रामलीला काशी के लक्खा मेले में सम्मिलित की जाती है। पारम्परिक रूप से रामलीला का आयोजन काशी की विशेषता है।

कार्यक्रम का संयोजन श्री अशोक कपूर संयोजक इन्टैक वाराणसी अध्याय ने किया। अतिथियों का स्वागत श्री दीपक मधोक, निदेशक, सनबीम ग्रुप आफ एजुकेशनल इंस्टीट्यूट तथा धन्यवाद ज्ञापन अशोक कपूर ने किया।

इस अवसर पर डॉ गौतम चक्रवर्ती, विनय रावल, बलराम यादव, हर्ष मधोक, प्रेरणा शर्मा, प्रतिमा, अनिल केशरी, भावना सिन्हा, आनन्द कुमार पाल, पंचबहादुर, प्रदीप, मनोज कुमार, श्रीकृष्ण आदि बड़ी संख्या में लोग उपस्थित थे।


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