प्रयागराज:सम्पत्ति क्षति वसूली अध्यादेश के खिलाफ याचिका पर हाई कोर्ट ने सरकार से 25 तक मांगा जवाब

Share:


अध्यादेश के अमल पर रोक लगाने से फिलहाल इनकार 
प्रयागराज, 18 मार्च (हि.स.)। लोक सम्पत्ति क्षति की वसूली के लिए प्रदेश सरकार द्वारा लाए गए अध्यादेश को चुनौती देने वाली याचिका पर इलाहाबाद हाईकोर्ट ने प्रदेश सरकार से 25 मार्च तक जवाब दाखिल करने को कहा है। याचिका पर 27 मार्च को सुनवाई होगी। 
कोर्ट ने याची द्वारा वसूली की प्रक्रिया रोके जाने तथा अध्यादेश के अमल पर रोक लगाने की मांग को फिलहाल नकार दिया और कहा कि सरकार का जवाब आने के बाद ही कोर्ट इस पर आगे आदेश पारित करेगी। याचिका की सुनवाई मुख्य न्यायमूर्ति गोविंद माथुर और न्यायमूर्ति समित गोपाल की पीठ ने किया। 
अपर महाधिवक्ता मनीष गोयल ने याचिका की पोषणीय पर सवाल उठाया और उन्होंने कहा इस अध्यादेश को चुनौती नहीं दी जा सकती है। कोर्ट ने उनको अगली सुनवाई से पूर्व हलफनामा दाखिल कर सरकार का पक्ष रखने का निर्देश दिया। यूपी लोक सम्पत्ति तथा निजी सम्पत्ति क्षति वसूली अध्यादेश की वैधता को चुनौती हाईकोर्ट के एक अधिवक्ता ने जनहित याचिका दाखिल कर दी है।
राज्य सरकार विरोध प्रदर्शन के दौरान लोक व निजी संपत्ति को नुकसान पहुंचाने वालों से भरपायी करने का अध्यादेश 2020, यूपी लोक तथा निजी  सम्पत्ति क्षति वसूली अध्यादेश के मार्फत लायी है। इसकी वैधता को  हाईकोर्ट में विभिन्न आधार पर चुनौती दी गयी है। याचिका हाईकोर्ट के अधिवक्ता शशांक श्री त्रिपाठी ने दायर की है। बहस की गयी कि सरकार इस प्रकार का अध्यादेश लाने को सक्षम नहीं थी। कहा गया कि यह अध्यादेश हाईकोर्ट के हाल ही में पारित आदेश को व्यर्थ करने के उद्देश्य से लाया गया है। बहस में कहा गया कि सीआरपीसी व पब्लिक प्रॉपर्टी डैमेजेज एक्ट के प्रावधानों के प्रतिकूल है।
इस अध्यादेश को चुनौती देते हुए अन्य याचिकाएं भी दायर की गई है। इन याचिकाओं में कई अन्य आधार भी लिया गया है जिसकी सुनवाई कोर्ट 27 मार्च को एक साथ करेगी। कहा गया है कि यूपी सरकार का यह अध्यादेश भारतीय संविधान की मूल भावना के खिलाफ है। इन याचिकाओं में अध्यादेश को असंवैधानिक घोषित करने की मांग की गयी है। याची का कहना है कि यह कानून निजता के मूल संवैधानिक अधिकार का भी उल्लंघन करता है। मालूम हो कि प्रदेश के राज्यपाल ने इस अध्यादेश को मंजूरी दे दी है।
हिन्दुस्थान समाचार/आरएन/दीपक/संजय


Share:

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *