क्या बेहद संवेदनशील मामले में डाक्टर द्वारा रेप पीडिता का नाम उजागर करना सही ? मामले मे भड़की डॉ ऋचा सिंह
प्रयागराज। इंडियन मेडिकल एशोसिएशन की बैठक में डाक्टरो पर हो रहे हमले पर चिंता जाहिर की गई और एसआरएन के डाक्टरो पर रेप के आरोप पर नाराजगी जताते हुए इलाहाबाद मेडिकल एसोसिएशन के पदाधिकारियों ने प्रेस कांफ्रेंस करके बताया कि इस मुद्दे पर डॉक्टर 18 जून को देश व्यापी प्रोटेस्ट करेंगे । प्रेस कांफ्रेंस करने वाले डाक्टरो का कहना है कि कोरोनॉ काल मे डॉक्टर ही फ्रंट लाइन पर आकर लोगो की मदद कर रहे ऐसे में उनपर हमला और बे वजह आरोप लगाना बेहद अफसोसजनक है।
इसी सिलसिले मे बात करते हुए सपा नेता डॉ ऋचा सिंह ने कहा की डॉक्टर्स ने प्रेस कान्फ्रेंस के माध्यम से एक प्रेस विज्ञप्ति जारी की गयी जिसमे पीड़ता का नाम, पता, पिता का नाम व अन्य डिटेल जारी कर दिया गया है। ये सेक्शन 228 ऐ IPC के तहत क्राइम है।
निपुन सक्सेना बनाम भारत सरकार केस में सन 2018 में माननीय उच्चतम न्यायालय ने भी अवधारित किया है कि रेप पीड़िता का नाम हमेशा गुप्त रखना चाहिए, मौत के बाद भी। जो भी उसका नाम उजागर करेगा वह दंडनीय अपराध करेगा। इससे परिवार का सामाजिक उत्पीड़न होता है और क़ानून की नज़र में अपराध है।