बंगाल विधानसभा में पारित हो सकता है विधान परिषद गठित करने का प्रस्ताव, कैबिनेट से लग चुकी है मुहर

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कोलकाता, 26 जून । पश्चिम बंगाल राज्य विधानसभा में विधान परिषद गठन करने को लेकर प्रस्ताव पारित हो सकता है। सचिवालय सूत्रों ने शनिवार को यह जानकारी दी है। इसमें बताया गया है कि दो जुलाई से शुरू हो रहे बजट सत्र के दौरान राज्य में विधान परिषद गठन को लेकर प्रस्ताव लाया जा सकता है। चुकी तृणमूल कांग्रेस बहुमत में है इसलिए आसानी से प्रस्ताव पारित होगा। तीसरी बार सरकार बनने के बाद यह राज्य विधानसभा का पहला सत्र है।

सूत्रों के मुताबिक, सरकार इस सत्र में ही विधान परिषद गठित करने के लिए बिल पेश करना चाहती है। नियमानुसार विधान परिषद गठित करने के लिए राज्य सरकार को पहले विधानसभा में बिल पारित करना होगा। इसके बाद राज्यपाल के हस्ताक्षर होने के बाद उक्त बिल को केंद्र सरकार को भेजा जाएगा जिसे लोकसभा व राज्यसभा से पास कराने के बाद उस पर राष्ट्रपति का हस्ताक्षर होगा। इसके बाद ही विधान परिषद गठन की प्रक्रिया पूरी हो सकेगी।

संविधान के मुताबिक विधानसभा की तुलना में विधान परिषद में एक तिहाई सदस्य होंगे। उस नियम के तहत बंगाल में अधिकतम 98 सदस्य हो सकते हैं। हालांकि, ममता 2011 के अपने पहले कार्यकाल के दौरान ही विधान परिषद गठित करने को लेकर मुखर हुई थी लेकिन बाद में मामला ठंडे बस्ते में चला गया था। बंगाल में पहले विधान परिषद था लेकिन 1969 में समाप्त कर दिया गया था। इस समय देश में उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र और बिहार जैसे राज्य में विधान परिषद हैं। परंतु, यहां सवाल यह भी उठता है कि विधान परिषद के लिए वर्तमान विधानसभा में जगह का अभाव है। दूसरा बंगाल सरकार कर्ज में डूबी है और राज्य में बड़े निवेश भी नहीं आ रहे हैं। ऐसे में विधान परिषद के तौर पर राज्य के वित्तीय कोष पर अतिरिक्त बोझ लादने को लेकर सवाल खड़े हो रहे हैं।


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