बस्ती जिले की ग्राम पंचायत नकटी देई बुजुर्ग की देश भर में आखिर क्यों है चर्चा ?

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लखनऊ, 24 अप्रैल। कोरोना संकट की वैश्विक बीमारी के दौरान उत्तर प्रदेश के बस्ती जनपद का एक गांव पूरे देश में चर्चा का विषय बन गया। यह वह गांव है, जहां की महिला ग्राम प्रधान ने प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के आह्वान पर कोरोना से अपने गांव को मुक्त रखने के लिए टीम-11 की तर्ज पर कार्य कर रही हैं। ग्राम प्रधान की इस मेहनत को खुद देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सैल्यूट किया है। 

शुक्रवार को जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी देश की ग्राम पंचायतों के प्रधानों और सरपंचों से वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए मुखातिब थे, तब उन्होंने बस्ती जिले की नकटी देई बुजुर्ग ग्राम पंचायत की महिला प्रधान वर्षा सिंह से बातचीत की। प्रधानमंत्री ने न केवल वर्षा सिंह के कार्यों के बारे जाना, बल्कि उन्होंने ग्राम प्रधान की सराहना की। 

धानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ग्राम प्रधान वर्षा सिंह से कहा कि ये बताइए पहले लोग कहते थे कि दिल्ली (केंद्र) से एक रुपया चलता है तो केवल 15 पैसा ही गांव तक पहुंचता है। आज 1 रुपया निकलता है तो 100 के 100 पैसे लाभार्थी के खाते में जमा हो जाता है। प्रधानमंत्री मोदी ने वर्षा सिंह से पूछा कि अब जब गांव में लोगों के पास पूरा पैसा पहुंचता है तो कैसा महसूस करते हैं। इस पर प्रधान वर्षा सिंह ने कहा कि गांव के लोग बहुत ही संतुष्ट हैं और लोग कहते हैं कि जब से ये सरकार आई है तो तमाम सुविधाएं मिल पा रही हैं। वर्षा सिंह ने कहा कि गांव में चर्चा हो रही है और सोशल मीडिया में भी कि इस कोरोना के संकट की घड़ी में अगर आप जैसे प्रधानमंत्री नहीं होते तो इस देश का क्या होता?  प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि बस, हम सब को दो गज की दूरी ही बचाएगी।

गांव में सैनीटाइजेशन से लेकर सभी सुविधाएं उत्तर प्रदेश के बस्ती जिले के कप्तानगंज विकासखंड में पड़ते ग्राम पंचायत नकटी देई बुजुर्ग में महिला ग्राम प्रधान वर्षा सिंह कोरोना संकट में सक्रिय रूप से काम कर रही हैं। प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के फार्मूले पर काम करती हुई ग्राम प्रधान वर्षा सिंह ने अपने ग्राम पंचायत में तीन बार दवा का छिड़काव करवाया है, तो गांवों को सैनीटाइजेशन करवाया है। इस ग्राम पंचायत में 500 लोगों को मास्क वितरण किया गया, जबकि हर घर में साबुन और सैनीटाइजेशन मुहैया करवाया गया है। जिन गरीब और घुमन्तू परिवारों का राशन कार्ड नहीं था, उन्हें भी राशन की व्यवस्था की गई है। अति गरीब परिवारों को राशन के मुहैया करवाने के साथ-साथ सब्जी और अऩ्य जरूरी आवश्यकताओं की पूरी व्यवस्था की गई है। इसके साथ ही उज्जवला योजना, श्रम विभाग के लाभार्थियों, पीएम किसान सम्मान निधि और जनधन योजना के पात्र महिला लाभार्थियों की सहायता की गई है।


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