प्रयागराज दुर्गा पूजा के बारे में कुछ शब्द ……………
जयति भट्टाचार्य।
प्रयागराज। बहुत संघर्षों के बाद कुछ उपलब्धि हाथ में आती है तो उसका आनंद चार गुणा बढ़ जाता है। जब एक समय मां दुर्गा के भक्तो को लगने लगा था कि इस वर्ष मां का दर्शन नहीं होगा तब मां ने अनुकम्पा दिखाकर पूरे शहर में अपने आगमन किया ।
एक दिलचस्प बात इस दुर्गा पूजा में यह देखने को मिली है कि भक्तो के लिए मूर्तियों के आकार छोटा है इस पर किसी के मन में कोई मललाल नहीं देखने को मिला बल्कि माँ के एक दर्शन मात्र से सभी भक्तों को खुश होते, झूमते और नाचते देखा गया, जिन जिन दुर्गा पूजा बारवारियों में ढाकीयों का पहुंचना नहीं हो पाया उन बारवारियों में ढाक के धुन को गूगल से डाउनलोड करके बजाने का काम किया।
जिस प्रकार से जिला प्रशासन ने दुर्गा पूजा आयोजकों पर ढेर सारे अनुशाषित गाइडलाइंस रख दिया गया उसे पूजा आयोजकों ने अक्षरश पालन किया। साथ में अपने हर्षोल्लास को कम होने नहीं दिया गया।
बंगाली वेलफेयर एसोसिएशन और इलाहाबाद दुर्गा पूजा के समिति के सदस्यों ने अधिकांश दुर्गा पूजा बारवारियों में जाकर समिति के द्वारा पारित गाइडलाइंस पर निगरानी रखने का काम किया है।