प्रयागराज ने मनाया मकर संक्रांति 2023

Share:

जेपी भट्टाचार्य ।
इस साल कोरोना के भय से मुक्त होकर उत्तर प्रदेश के लोगों ने इस पर्व को मनाया। आईए देखें उत्तर प्रदेश में मकर संक्रांति की क्या परंपरा है।

मकर संक्रांति को उत्तर प्रदेश में खिचड़ी कहते हैं। इसे अनेक तरह से मनाया जाता है। इस दिन गंगा स्नान की रस्म है। उत्तर प्रदेश में लोग मुख्यतः प्रयागराज के त्रिवेणी संगम या वाराणसी की गंगा में स्नान करते हैं।

प्रयागराज में मकर संक्रांति पर बहुत ज्यादा भीड़ होती है क्योंकि यहां प्रतिवर्ष महाकुंभ, कुंभ या माघ मेला कुछ न कुछ होता है। इस साल प्रयागराज में माघ मेला चल रहा है। मेला प्रशासन के अनुसार 2023 के माघ मेला में मकर संक्रांति पर 24 लाख साठ हजार  लोगों ने संगम में डुबकी लगाई। यहां के लोग इस दिन तिल और गुड़ के लड्रडू खाते हैं।
उत्तर प्रदेश में लोग इस पर्व पर एक दूसर को तोहफे देते हैं और नए कपड़े पहनते हैं। बाजार मकर संक्रांति से पहले ही रंग बिरंगे पतंगो से पट जाता है। इस दिन आसमान रंग बिरंगा नजर आता है। अनेक स्थानों पर पतंगबाजी की प्रतियोगिता होती है। उत्तर प्रदेश में मकर संक्रांति के दिन गरीबों को दान देने की परंपरा है। लोग इस दिन उड़द की दाल, चावल, तिल, गरम कपड़े इत्यादि दान करते हैं।
इस दिन का सबसे महत्वपूर्ण भाग है खिचड़ी खाना। चावल और उड़द की दाल से खिचड़ी बनाकर सबसे पहले भगवान को भोग लगाया जाता है फिर परिवार के लोग खाते हैं। आज प्रयागराज में जगह जगह खिचड़ी बंट रही थी। कई संस्थाएं संगम स्नान से लौटने वालों में खिचडी़ बांटती है।   


Share: