प्रतापगढ़ संडवा चंडिका के भ्रष्ट प्रधानों को कौन बचा रहा?

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प्रतापगढ़। पूरे उत्तर प्रदेश में प्रधानों का भ्रष्टाचार अपने चरम पर है यह जगजाहिर है परंतु ग्रामीण विकास मंत्री राजेंद्र प्रताप सिंह उर्फ मोती सिंह प्रतापगढ़ जिले के ही हैं इसलिए मामला संवेदनशील हो जाता है जिले के मुख्य विकास अधिकारी डॉ अमित पाल शर्मा ने प्रतापगढ़ जिले के संडवा चंडिका ब्लॉक के ग्राम प्रधानों के कार्यों के लेखा-जोखा के लिए त्रिस्तरीय कमेटी का गठन किया था , कमेटी 9 जून मंगलवार को ब्लॉक पर जांच करने आने वाली थी इसके अलावा समस्त ग्राम पंचायत अधिकारियों को साक्ष्य के साथ उपलब्ध रहने का आदेश भी दिया गया था, उसकी रिपोर्ट 5 दिन में देनी थी। जिसमें जिला विकास अधिकारी सुदामा प्रसाद, पीडी डॉ आर सी शर्मा और मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी डॉ बीके सिंह शामिल थे परंतु जांच कमेटी ब्लॉक मुख्यालय नहीं पहुंची और जांच नहीं हो पाई ये अपने आप में बड़ा प्रश्न चिन्ह है क्योंकि अचानक ऐसी कौन सी परिस्थिति बन गई की जांच कमेटी नहीं आ पाई ?
इसके लिए जब जिले के मुख्य विकास अधिकारी के मोबाइल पर 4:58 पर फोन किया गया तो फोन नहीं उठा। प्रश्न ये है कि जब प्रतापगढ़ के ग्राम प्रधानों के भ्रष्टाचार की चर्चा प्रदेश स्तर पर है, तब जांच क्यों रोक दी गई कहा यह भी जा रहा है कि ग्राम प्रधान विधान परिषद चुनावों में बड़ी भूमिका निभाते हैं और प्रतापगढ़ के कुछ भाजपा नेता इसकी तैयारी कर रहे हैं और वह किसी भी कीमत पर ग्राम प्रधानों को नाराज नहीं करना चाहते हैं जब वह स्वयं उनका संरक्षण करने की हैसियत रखते हैं। पूरे जनपद में प्रवासी मजदूरों के नाम पर और आंकड़ों के नाम पर जमकर धांधली हो रही है कुछ वर्ष पहले संडवा चंडिका विकासखंड में जमकर भ्रष्टाचार हुआ था आज संडवा चंडिका एक बार फिर से महात्मा गांधी राष्ट्रीय रोजगार गारंटी योजना में भ्रष्टाचार को लेकर चर्चा में है। लॉकडाउन के दौरान ही संडवा चंडिका के 16 ग्राम पंचायतों में मजदूरी के नाम पर लाखों रुपए का भुगतान करा लिया गया है जबकि बाहर से आए प्रवासी मजदूरों की संख्या नाम मात्र की है बड़ा प्रश्न यह है कि इतने पैसे कहां गए? विकासखंड सांडवा चंडिका के दादूपुर दौलत गांव में 2 महीने में ही 15.97 लाख, जलालपुर में 7.9लाख, कमालुद्दीन पुर में 9.73लाख, बहुचरा ग्राम में 5.13लाख, डंगरी में 5.83, अर्जुनपुर में 4.58लाख ,अंतू देहात में 11.97लाख,पूरे परमेश्वर में 6.68लाख,डंगरी में 5.83लाख,लखरांव मे5.3लाख,रैवीरजानीपुर में 4.46लाख, छतरपुर में 3.77लाख और पूरे पांडेय कमोरा में 3.39लाख का भुगतान करा लिया गया है।और जब इसकी शिकायत सीडीओ के पास पहुंची तो उनके द्वारा बनाई गई जांच कमेटी विकास खंड तक क्यों नहीं पहुंची। ये अपने आप में बहुत बड़ा प्रश्न है, क्यों कि ये जिला ग्राम्य विकास मंत्री मोती सिंह का है।।

सौरभ सिंह सोमवंशी, (पत्रकार) प्रतापगढ़


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