प्रयागराज: प्रधानाध्यापक की बर्खास्तगी पर रोक लगाने को बेसिक शिक्षा परिषद ने दी चुनौती, अपील खारिज

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प्रयागराज, 12 जून । इलाहाबाद हाईकोर्ट ने बिना वैधानिक जांच प्रक्रिया अपनाये प्रधानाध्यापक की बर्खास्तगी पर रोक लगाने के एकलपीठ के अंतरिम आदेश पर हस्तक्षेप से इंकार कर दिया है। कोर्ट ने बेसिक शिक्षा परिषद के सचिव के मार्फत दाखिल विशेष अपील खारिज कर दी है। 

कोर्ट ने एकल पीठ से कहा है कि याचिका सुनी जाय, कम से कम याची की अंतरिम अर्जी को दो माह में निर्णीत किया जाय। यह आदेश मुख्य न्यायाधीश गोविन्द माथुर तथा न्यायमूर्ति रमेश सिन्हा की खंडपीठ ने बेसिक शिक्षा परिषद की अपील पर दिया है। 

मालूम हो कि याची नारायणजी यादव पचरूखा शिक्षा केन्द्र प्राइमरी स्कूल रेवती, बलिया में 6 दिसम्बर 1999 को सहायक अध्यापक नियुक्त हुए। 27 सितम्बर 2008 को प्रधानाध्यापक पद पर पदोन्नति दी गयी। विपक्षी तारकेश्वर सिंह ने शिकायत की कि याची की बीएड डिग्री फर्जी है। बीएसए बलिया ने ब्लाक शिक्षा अधिकारी को जांच अधिकारी नियुक्त किया। उसने कारण बताओ नोटिस जारी कर जवाब मांगा। याची ने जवाब दाखिल कर आरोपों को निराधार व झूठा बताया। जवाब से संतुष्ट न होकर याची को हटा दिया गया। उसकी नियुक्ति ही रद्द कर दी गयी। जिसे उसने हाईकोर्ट में चुनौती दी।  न्यायमूर्ति सरल श्रीवास्तव ने राज्य सरकार व विपक्षियों से जवाब मांगा और याची की बर्खास्तगी आदेश पर रोक लगा दी है। जिसे परिषद ने अपील में चुनौती दी थी। कोर्ट ने हस्तक्षेप करने से इंकार करते हुए अपील खारिज कर दी है।


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