राष्ट्रीय शिल्प मेले मे नही दिखा पहले जैसी भव्यता

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संस्कृति मंत्रालय,भारत सरकार की स्वायत्त संस्था उत्तर मध्य क्षेत्र सांस्कृतिक केंद्र,प्रयागराज की ओर से हर वर्ष दिसम्बर मास में आयोजित होने वाला राष्ट्रीय शिल्प मेला इस बार कम रोचक दिखा। निदेशक सुरेश शर्मा ने कल की हुई प्रेस कॉन्फ्रेंस में मेले की खूबसूरती को लेकर जो बातें कहीं थी,वैसा कुछ भी नही दिखा।

मंच से जुड़े हैं निदेशक,फिर भी मंच सूना क्यों ?

निदेशक सुरेश शर्मा राष्ट्रीय नाट्य विद्यालय के पूर्व निदेशक भी रहे हैं,परन्तु जैसा भव्य मंच विगत वर्षों में दिखता रहा है वैसा इस बार नही दिखा। सिर्फ फ्लैक्स,बैनर से ही मंच सजा दिया गया। पहले लोककलाकारों से ही मंच को काठ व थर्माकोल की कारीगरी से बनाया जाता था। पर इस बार खुला आसमान है और दीवारों पर प्रिंट किये हुए बैनर टँगे हैं।

क्या बजट की कमी,या फिर बजट बचाकर सरकार को खुश करने की पहल

केंद्र सरकार द्वारा पोषित इस संस्था में करोड़ों का बजट आता है,फिर कम खर्च कर आख़िर क्या संदेश देना चाहता है केंद्र? कल भी इस सवाल पर निदेशक कोई उत्तर नही दिए। उनका कहना था कि आज मंच भव्य दिखेंगा पर एक दिन में वैसा कुछ भी नही दिखा। सरकार कई संस्थाओं से बजट काट रही है तो क्या ऐसे में सांस्कृतिक केंद्र भी इसकी चपेट में आ रहे हैं? सोचने का विषय है।

दुकानों पर भी कम दिखी भीड़,दर्शकों का कहना समझ नही आता कौन सा मेला शिल्प मेला है?

शिल्प हाट परिसर में इससे पहले भी तीन शिल्प मेले प्राइवेट संस्थाओं की ओर से लगाये जा चुके हैं। इसकी संतुति केंद्र ही प्रदान करता है। दर्शक इस बात से दिग्भ्रमित व परेशान है कि हर मेले में यही चीजें तो मिलती हैं। एक दो दुकान को छोड़ सब दुकाने उन्ही सामानों की होती है ऐसे में कितनी खरीदारी की जाए।

सांस्कृतिक कार्यक्रमों से दर्शक दिखे नाखुश,बोले पहले जैसा नज़ारा नही

कलाओं की प्रस्तुतियां तो हुईं पर दर्शक तैयारियों को लेकर नाखुश दिखे। दर्शकों ने कहा कि कोरोना के बाद सोचा था कि कुछ बेहतर देखने को मिलेगा पर कुछ खास नही दिखा।

निदेशक व स्टाफ  टेंट तले और कलाकर खुले आसमान तले

पहले के शिल्प मेला का पंडाल ऐसा होता था कि ठंड के समय मे ओस और शीत से कलाकार व दर्शक बचे रहते थे। पर इस बार अधिकारियों ने अपने बैठने की व्यवस्था टेंट में तो की पर कलाकारों को खुले आसमान तले प्रस्तुति देने को छोड़ दिया। ऐसा शायद पहली बार हो रहा।अभी यह मेला आगामी 12 दिसम्बर तक चलेगा।


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