फंड नहीं, अपने जेब से कितना दे रहे जनप्रतिनिधि ?

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वीरेंद्र सिंह
वरिष्ठ पत्रकार
9415391278

भारत ही नहीं, पूरा विश्व इस समय कोरोना वायरस के प्रभाव में आ चुका है। विश्व की बहुत सारी शक्तियां इस वायरस के सामने घुटने टेक चुकी है। जैसे की इटली, स्पेन ,चाइना ,अमेरिका व अन्य यूरोपीय व एशियाइ देश। भारत में भी इसका प्रभाव तेजी से बढ़ रहा है। हमारे देश के जनप्रतिनिधि लोगों जैसे सांसद या विधायक व मंत्री गण लगातार कोरोना संक्रमण कि जंग में अपनी निधि का पैसा दे रहे हैं।अच्छी बात है, बहुत सराहनीय कार्य कर रहे हैं। यह पैसा भारत के नागरिकों का है।आम लोगों का है। जिसे हम टेक्स के माध्यम से सरकार को देते रहे है। इस देश का क्या कोई जनप्रतिनिधि अपने मासिक वेतन(सैलरी)का पैसा दान किया ?यह बहुत बड़ा सवाल है।

चलिए मैं आपको सिलसिलेवार बताना चाहता हूं कि भारत में 245 राज्यसभा सदस्य और 543 लोकसभा सदस्य हैं।कुल सांसदों की संख्या 788 है। भारत में कुल विधायकों जिन्हें एम एल ए कहा जाता है उनकी संख्या 4120 है तथा विधान परिषद सदस्य जिन्हें एमएलसी कहा जाता है उनकी संख्या पूरे भारतवर्ष में 454 है। मैं इसे प्रदेश प्रदेश स्तर पर लिख रहा हूं। उत्तर प्रदेश जहां 404 एमएलए और 100 एमएलसी, महाराष्ट्र जहां 289 एम एल ए व 78 एमएलसी, पश्चिम बंगाल में 295 एमएलए,बिहार में 243एमएलए व 75 एमएलसी, तमिलनाडु में 235 एमएलए, मध्य प्रदेश 231 एमएलए, कर्नाटक 225 एमएलए व 75 एमएलसी, गुजरात 182 एमएलए, राजस्थान 200 एम एल ए, आंध्र प्रदेश 175 एमएलए व 56 एमएलसी, उड़ीसा 147 एमएलए, केरल 141 एमएलए, तेलंगाना 120एमएलए व 34 एमएलसी,आसाम में 126 एमएलए, झारखंड में 81 एमएलए ,पंजाब में 117 एमएलए, छत्तीसगढ़ में 91 एमएलए ,हरियाणा में 90 एमएलए, जम्मू व कश्मीर 89 एमएलए व 36 एमएलसी, उत्तराखंड में 70 एमएलए, हिमाचल प्रदेश में 68 एमएलए, अरुणाचल प्रदेश में 60 एमएलए ,गोवा में 40 एमएलए, मणिपुर में60 एमएलए, मेघालय में 60 एमएलए, त्रिपुरा में 60 एमएलए, मिजोरम में 40 एमएलए, नागालैंड में 60 एमएलए ,सिक्किम में 32 एमएलए,दिल्ली में 70 एमएलए, पांडिचेरी में 30 एमएलए के अलावा केंद्र शासित प्रदेश में भी सांसद हुआ करते हैं जैसे अंडमान निकोबार ,चंडीगढ़ दादर नगर हवेली दमन एंड डीयू लक्षद्वीप आदि।

अब बात करते हैं इन एमएलए की मासिक सैलरी की तो पूरे भारतवर्ष के एमएलए की मासिक सैलरी अलग-अलग प्रांतों में अलग-अलग है। परंतु इनकी सैलरी 34000 से लेकर ढाई लाख रुपए तक के बीच में है।सांसद महोदय की सैलरी 200833 मासिक रूपए है।मैं इन सांसदों विधायकों से निवेदन करता हूं कि जनता का ही पैसा जो सांसद,विधायक निधि में जाता है उसे आप वापस कर रहे हो। बिल्कुल कोरोना वायरस के नाम पर दान के रूप में क्या आप अपने 1 महीने की तनख्वाह इस देश के लिए नही दे सकते है? देश इस समय विपत्ति मे है।आप इसे प्रधानमंत्री राहत कोष में दे सकते हैं। मैं आप सभी से अपील करता हूं कि आप अपने 1 माह की तनख्वाह कोरोना वायरस रूपी भयंकर महामारी से लड़ने के लिए दान स्वरूप दे। जिससे आपकी वास्तव में सेवा नीति व देशभक्ति समझ में आएगी और आज के इस दौर में मानवता का यही तकाजा भी है। मेरी इस पोस्ट को पूरे देश में फैलाया जाए ताकि सोशल मीडिया के माध्यम से इन गैरतमंद राजनेताओं के चूरे हिलने लगे।

आप अपने नेताओ से पूँछिये की इस कोरोना संक्रमण को रोकने के लिए वे अपने जेब से कितना दे रहे है ?


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