शराब तो ख्वामखाह बदनाम है !

Share:

मुझे शराब से मोहब्बत नही है
मोहब्बत तो उन पलो से है,
जो शराब के बहाने,
मै दोस्तो के साथ बिताता हूँ।

शराब तो ख्वामखाह बदनाम है
नज़र घुमा कर देख लो दुनिया मे,
शक्कर से मरने वाले बेशुमार है।

तौहीन ना कर शराब को कड़वा कह के,
जिंदगी के तजुर्बे शराब से कड़वे होते है।

करो तब्दील अदालतें मयखानों मे,
सुना है…
नशे मे कोई झूठ नहीं बोलता।

बर्फ का वो शरीफ टुकड़ा
जाम मे क्या गिरा?
वो भी बदनाम हो गया…
देता जब तक अपनी सफाई,
वो खुद शराब हो गया!!

ताल्लुकात बढ़ाने हैं तो…
कुछ आदतें बुरी सीख ले गालिब;
ऐब न हो तो लोग ‘महफ़िलों’ मे नहीं बुलाते।

सभी मित्रों को समर्पित।

नैंसी सिंह ।


Share: