कोतवाली में पत्रकार घायलावस्था में गिड़गिड़ाता रहा। डीएम ने लिया संज्ञान।

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अमित कुमार गर्ग ।

गोण्डा – कोतवाली देहात थाना क्षेत्र के दसिया पुर निवासी पत्रकार प्रमोद कुमार पांडेय द्वारा कोतवाल को बताया गया था। कि “मेरे व परिवार के ऊपर विपक्षियों द्वारा कभी भी बड़ी घटना कारित किया की जा सकती है।” लेकिन कोतवाल संतोष तिवारी द्वारा आश्वासन देकर वापस लौटा दिया गया।

जिसके दूसरे दिन दीपावली की सुबह करीब आठ बजे पत्रकार का छोटा भाई दूध लेने के लिए निकला ही था कि विपक्षियों ने तलवार व लोहे की रॉड और फरसे से लगातार वॉर करना शुरू कर दिया। घटना देखकर परिवार के अन्य सदस्य बचाने दौड़े। जिसमें औरतों सहित कई लोगों को भी गम्भीर रूप से घायल कर दिया गया। घायलावस्था में पत्रकार कोतवाली देहात पहुंचा लेकिन कोतवाल अपने आवास से बाहर नहीं निकले। जानकारी पाकर वरिष्ठ पत्रकार नरेंद्र लाल गुप्ता भी थाने पहुँचे तब तक कोई कार्यवाही नहीं कि गई थी।

तद्पश्चात जिले के तमाम पत्रकार आ गए। लेकिन थाने के पुलिस कर्मियों द्वारा टालमटोल की बातें की जा रही थी। यह सब देखकर वरिष्ठ पत्रकार नरेंद्र लाल गुप्ता द्वारा जिलाधिकारी को थाने से ही दूरभाष पर बताया गया। जानकारी मिलते ही डीएम ने थाने के संबंधित पुलिस कर्मी से बात की और तत्काल मेडिकल जांच कराकर मुकदमा पंजीकृत करने को कहा तब जाकर पत्रकार सहित अन्य घायलों का मेडिकल जांच हुआ और मुकदमा पंजीकृत किया गया। पूर्व सूचना पर कार्यवाही न करने से जनपद के पत्रकारों में कोतवाल संतोष कुमार तिवारी के रवैये से काफी रोष व्याप्त है। पुलिस अधीक्षक संतोष कुमार मिश्रा के कार्य शैली पर भी सवालिया निशान उठाया गया । कहीं न कहीं जनपद के थानों को ढीली कार्यवाही व टालमटोल का निर्देश प्राप्त हैं। इस दौरान कोतवाली में वरिष्ठ पत्रकार PSKS अध्यक्ष नरेंद्र लाल गुप्ता, पत्रकार जयप्रकाश ओझा, प्रदीप तिवारी, महेश गोस्वामी, सुरेश कनौजिया, अतुल श्रीवास्तव, विजय सोनी, दुर्गेश जायसवाल आदि मौजूद रहे।


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