नाटक ‘रजस्वला’ से दिया कलाकारों ने महिला सशक्तिकरण का संदेश

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मनीष कपूर।

प्रयागराज की बहुचर्चित नाट्य संस्थान नुक्कड़ नाट्य अभिनय संस्थान प्रयागराज हमेशा से समसामयिक मुद्दों को लेकर समाज में मुखर रही है ।
प्रयागराज । दिनांक 24 मार्च 2021 को विज्ञान परिषद में होली मेला लोकोत्सव में शाम 6:00 बजे संस्थान ने दामिनी यादव द्वारा लिखित कविता महावारी पर आधारित रजस्वला का मंचन किया।
नाटक में महावारी पर समाज में हो रहे कुरीतियों को उजागर किया गया साथ ही नाटक में यह भी दिखाया गया कि जब महिलाएं महावारी के दौरान होती है तो उन्हें अपने कार्यस्थल और घर पर किस प्रकार का दुर्व्यवहार होता है।

इस नाटक में मुख्य किरदार में कुमुद कनौजिया ने दर्शकों में अमिट छाप छोड़ी वही बॉस की भूमिका में सिद्धार्थ गौतम एवं सहयोगी कर्मचारी की भूमिका में हर्ष राजपाल ने अपनी भूमिकाओं से न्याय किया।

प्रस्तुति नियंत्रक देवेंद्र राजभर का रहा, संगीत व प्रकाश संयोजन भारत भूषण कुशवाहा, संचालन मोहम्मद करीम, वस्त्र विन्यास रोशनी मौर्य का रहा ।

नाटक के निर्देशक कृष्ण कुमार मौर्य ने नाटक के बारे में बताते हुए कहते हैं –
मासिक धर्म से जुड़ी वर्जनाएं स्त्रियों की मानसिक एवं शारीरिक स्वतन्त्रता के लिए एक बड़ा अवरोधक है। वैसे यह हमारे ऊपर निर्भर करता है कि हम किसी भी विचार को कब और कैसी दिशा देंगे। कई दशक पहले गाँव-देहात की महिलाओं को जहाँ रोजमर्रा के कामों में काफी शारीरिक श्रम करना पड़ता था, ऐसे में जिन दिनों वे मासिक धर्म से गुजरती थीं, उस समय उन्हें रसोई और घर के कामों से दूर रखा जाता था कि इस बहाने वे कुछ वक्त अपने शरीर को आराम दे सकें।
लेकिन इस मानसिकता को हमारे समाज ने एक मानवतापूर्ण एवं वैज्ञानिक दिशा देने की अपेक्षा इस घटनाक्रम को स्त्री की पवित्रता और अपवित्रता से जोड़कर एक ‘सोशल टैबू’ का आकार दे दिया।
रजस्वला इसी पर आधारित एक नाट्य प्रस्तुति है ।
इस प्रस्तुति के पश्चात शहर में शुरुआत नाम की संस्था से अभिषेक शुरुआत को आमंत्रित किया गया, ज्ञात हो यह संस्था अलोपी बाग स्थित अपने ऑफिस में पैड बैंक की स्थापना किया है जिसमें मलिन बस्ती की महिलाओं को हर महीने निशुल्क सेनेटरी प उपलब्ध कराया जाता है।
नुक्कड़ नाट्य अभिनय संस्थान प्रयागराज के कलाकारों एवं प्रदेश अध्यक्ष महा किन्नर अखाड़ा कौशल्या नंदगिरी द्वारा अभिषेक को पैडबैंक के लिए सेनेटरी पैड उपहार स्वरूप दिया गया। मूल कहानी दामिनी यादव परिकल्पना निर्देशन कृष्ण कुमार मौर्य का रहा।


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