,,,,,, खेत पड़े सब जामिहै उल्टे सीधे बीज।
अमित कुमार गर्ग, राधेश्याम तिवारी ।

शरदीय नवरात्रि दुर्गा पूजा महोत्सव में चल रहे आयोजन में प्राचीन श्री लक्ष्मण चौखट मन्दिर स्थित रैगांव गोन्डा में दुर्गा पूजा स्थल में मानस कथा वाचक मोहनी मिश्रा नौमिषरणायण ने श्रोताओं को माता रानी की अमृत मयी कथा सुनाते हुए बताया।प्रभू का नाम जैसै
मानस अपने राम को रीझ भजो या खीझ,खेत पड़े सब जामिहै उल्टे सीधे बीज
भावार्थ बताते हुए कहा जिस तरह किसान खेतों में बीज बोते समय बीज उल्टा है या सीधा नहीं देखता लेकिन बोये गये बीच अंकुरित होते हैं ।ठीक उसी तरह श्रद्धा भाव से पुजा करें जीवन को कृतार्थ बनाये।द्वापर ,त्रेता, सतयुग सभी में ऋषि,मुनि संत हजारों बर्षा तपस्या करते थे आज कलयुग चल रहा है इसमें सिर्फ सच्चे भक्त भाव से ही पूजा अर्चना करने से कल्याण होगा ऐसा ग्रन्थ में भी वर्णित है ।

कथा में माता रानी के जन्म सहित 51शाक्ति पीठों का वर्णन करते हुए कहा माता सती अपने पिता हिमाचल के यहां यज्ञ में भोले नाथ का भाग नहीं देखा जिसमें क्षुब्ध हो हवन कुण्ड में कुद कर शरीर त्याग दिया तदुपरांत भगवान भोलेनाथ ने माता सती के मृत शरीर को लेकर भटकते रहें। ऋषि मुनि देवता सभी भयभीत थे जिसका निवारण बिष्णु भगवान ने किया माता रानी के शरीर के जहां जहां अंग गिरे वह स्थान आज शक्ति पीठ के नाम जाना जाता है।

जैसे अनेकों प्रकार से अमृत मयी कथा सुनाते हुए भक्तों को सरोबोर कर दिया।