कोरोना की दूसरी लहर को लेकर केंद्र सरकार के कार्यों पर बोले सांसद संजय सेठ

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डा अजय ओझा ।

देश में प्रतिदिन हो रहा 9446 टन ऑक्सीजन का उत्पादन। शभर में उपलब्ध कराए गए 44000 वेंटिलेटर बेड।राज्यों का केंद्र से बेहतर समन्वय का नागरिकों को मिलेगा लाभ।

राँची। सांसद श्री संजय सेठ ने कोरोना की दूसरी लहर के रोकथाम और बचाव के लिए भारत सरकार के अथक प्रयासों की सराहना की है। श्री सेठ ने कहा है कि कोरोना की दूसरी लहर के आने से पूर्व देश में वैक्सीन का उत्पादन शुरू हो गया। वरिष्ठ नागरिकों को वैक्सीन मिलने लगी। इसके साथ ही अन्य जरूरतों पर भी आदरणीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी के नेतृत्व में काफी तेज गति से काम हुआ। दूसरी लहर में देशभर में कोरोना संक्रमित ऑक्सीजन की समस्या से जूझ रहे थे। इसे देखते हुए भारत सरकार ने देशभर में ऑक्सीजन की उपलब्धता को बढ़ावा दिया है। वर्ष 2020 में भारत में प्रतिदिन ऑक्सीजन का उत्पादन 5700 टन तक ही था परंतु 2021 में यह उत्पादन बढ़कर लगभग दोगुना हो गया और भारत सरकार ने 9446 टन ऑक्सीजन का उत्पादन प्रतिदिन शुरू कर दिया। ऑक्सीजन वितरण में सबसे बड़ी बाधा टैंकर, कंटेनर, सिलेंडर और भंडारण के अन्य सामानों की रही, जिसे भारत सरकार ने तत्काल दूर करने के लिए काम किया। इमरजेंसी खरीद भी बड़ी संख्या में की गई। भविष्य में देश में ऑक्सीजन की ऐसी कोई समस्या नहीं हो। नागरिकों को कोई परेशानी नहीं हो, इसे लेकर देशभर में 2000 से भी ज्यादा ऑक्सीजन प्लांट लगाए जाने पर काम हो रहे हैं। बहुत शीघ्र ही देशभर के लगभग सभी जिलों में ऑक्सीजन का उत्पादन शुरू होगा और यह एक बड़ी उपलब्धि होगी। वहीं से कोरोना की दूसरी लहर में वेंटिलेटर की जरूरत भी बहुत ज्यादा रही। सरकार ने इस पर ध्यान दिया। बड़ी मात्रा में पीएम केयर फंड से भी वेंटिलेटर खरीदे गए। वर्तमान समय में पूरे देश में 44000 से अधिक वेंटिलेटर बेड उपलब्ध हैं और आने वाले दिनों में इसे और ज्यादा बढ़ाने पर काम किया जा रहा है।
श्री सेठ ने कहा कि केंद्र सरकार राज्यों को कोरोना संक्रमण के रोकथाम व बचाव के लिए हर संभव मदद कर रही है। जरूरत इस बात की है कि राज्य सरकारें केंद्र सरकार के साथ बेहतर समन्वय बनाए और केंद्र सरकार के निर्देशों का पालन करें। राज्यों में केंद्र सरकार की ऐसी संस्थाएं, जो राज्य को हर संभव मदद को तैयार हैं। उन संस्थाओं की मदद ली जाए ताकि कोरोना संक्रमण से अधिक से अधिक नागरिकों को बचाया जा सके। जीवन रक्षा हो सके और हमारे नागरिक सुरक्षित रह सके।


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