हिन्दी विभाग के शताब्दी वर्ष में ”कर्बला’ और ‘रंगभूमि’ के सौ साल” विषयक राष्ट्रीय संगोष्ठी का आयोजन

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इलाहाबाद विश्वविद्यालय के हिन्दी विभाग द्वारा दिनांक 23-24 अक्टूबर, 2024 को ”कर्बला’ और ‘रंगभूमि’ के सौ साल” विषयक दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी का आयोजन किया जा रहा है। ध्यातव्य है कि इलाहाबाद विश्वविद्यालय का हिन्दी विभाग अपनी स्थापना के सौवें साल में है। इसकी स्थापना 1924 ई में हुई थी और डॉ धीरेन्द्र वर्मा इसके संस्थापक अध्यक्ष थे। इसी साल प्रेमचंद की महत्त्वपूर्ण रचनाओं ‘कर्बला’ और ‘रंगभूमि’ के प्रकाशन के भी सौ साल पूरे हो रहे हैं। ‘कर्बला’ का प्रकाशन 1924 में तथा ‘रंगभूमि’ का 1925 में हुआ था। यह वर्ष ‘शतरंज के खिलाड़ी’, ‘सवा सेर गेहूँ’, ‘मन्दिर और मस्जिद’ और ‘डिक्री के रुपए’ जैसी प्रेमचंद की प्रसिद्ध कहानियों के लिखे जाने का का भी सौवाँ साल है। इलाहाबाद विश्वविद्यालय में इस आयोजन का एक उल्लेखनीय पक्ष यह भी है कि प्रेमचंद इलाहाबाद विश्वविद्यालय के पुराछात्र रहे हैं। प्रेमचंद की निर्मिति में इलाहाबाद और इलाहाबाद विश्वविद्यालय की महत्त्वपूर्ण भूमिका है। प्रेमचंद ने स्वाधीनता आन्दोलन के दौरान जाति, धर्म, सांप्रदायिकता, भाषा, गरीबी, बेरोजगारी, किसान, स्त्री-उत्पीड़न जैसे मुद्दों को अपने लेखन का विषय बनाकर भारतीय समाज को जाग्रत किया। उनके लेखन पर केन्द्रित इस संगोष्ठी के ज़रिए प्रेमचन्द-साहित्य के मूल्यों को समझने में मदद मिलेगी। सौवें वर्ष में ‘कर्बला’ और ‘रंगभूमि’ पर केंद्रित इस आयोजन में देश भर के कई नामचीन विद्वान वक्ताओं की उपस्थिति रहेगी जिनमें प्रो. रामदेव शुक्ल, प्रो. राजेन्द्र कुमार, प्रो. शम्भुनाथ, श्री महेश कटारे, श्री शिवमूर्ति, प्रो. मुश्ताक़ अली, प्रो. अली अहमद फ़ातमी, प्रो. कल्पना वर्मा, प्रो. प्रणय कृष्ण, प्रो. भूरेलाल, श्री प्रवीण शेखर, डॉ. सूर्यनारायण, प्रो. राकेश सिंह, प्रो. विवेक निराला, प्रो. रहमान मुसव्विर, डॉ. हेमन्त कुमार हिमांशु, प्रो. कुमार वीरेन्द्र, प्रो. दीनानाथ, प्रो. बृजेश कुमार पाण्डेय, डॉ. अविनाश कुमार सिंह, डॉ. अमिष वर्मा, डॉ. सुजीत कुमार सिंह, डॉ. महेन्द्र कुशवाहा, डॉ. मोतीलाल तथा डॉ. सुरेश कुमार प्रमुख नाम हैं। इसके अतिरिक्त इस संगोष्ठी में साहित्य जगत और देश भर के विभिन्न विश्वविद्यालयों के कई विद्वान शिक्षकगण एवं शोधार्थी सम्मिलित होंगे। इलाहाबाद विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर संगीता श्रीवास्तव के संरक्षण में आयोजित इस संगोष्ठी का उद्घाटन 23 अक्टूबर को पूर्वाह्न 10 बजे सीनेट हाउस परिसर स्थित तिलक भवन में किया जाएगा। उद्घाटन सत्र में मुख्य अतिथि प्रो बेचन शर्मा, कला संकाय, इलाहाबाद विश्वविद्यालय, वरिष्ठ आलोचक प्रो. शम्भुनाथ, हिन्दी विभाग की अध्यक्ष प्रो. लालसा यादव, संगोष्ठी संयोजक आशुतोष पार्थेश्वर उपस्थित रहेंगे। सत्र का संचालन प्रो. कुमार वीरेन्द्र करेंगे।


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