ओम बिरला ने कहा अंतर संसदीय संघ के अध्यक्ष से “किसी देश में बने कानूनों पर अन्य देशों की संसदों में नहीं होनी चाहिए चर्चा”

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नई दिल्ली 15 मार्च । लोकसभा अध्यक्ष बिरला ने कहा कि हर देश की अपनी संप्रभुता है । इसको मद्देनजर रखते हुए आवश्यक है कि किसी देश के अंदरूनी विषयों या उसकी संसद में बने कानूनों पर अन्य देशों की संसदों में चर्चा न हो। उक्त बातें अंतर संसदीय संघ के अध्यक्ष दुआरते पचेको को संसद भवन में लोक सभा अध्यक्ष ओम बिरला ने भेट के वक्त कहे ।

अंतर संसदीय संघ के साथ भारत के मजबूत ऐतिहासिक संबंधों का उल्लेख करते हुए बिरला ने कहा कि भारत की हजारों वर्षों से समृद्ध लोकतांत्रिक और सांस्कृतिक परंपरा रही है । हमारे संविधान ने हमें समृद्धि का मार्ग दिखाया है । उन्होंने कहा कि भारत अपनी स्वतंत्रता प्राप्ति के 75 वर्ष पूरा करने वाला है ।

लोकसभा अध्यक्ष ने अंतर संसदीय संघ की भूमिका का जिक्र करते हुए कहा कि अंतर संसदीय संघ वैश्विक समुदाय को जलवायु परिवर्तन, शिक्षा, स्वास्थ्य, अर्थव्यवस्था, आतंकवाद और सतत विकास लक्ष्यों जैसे मुद्दों के संबंध में प्रेरित कर रहा है । इस संबंध में बिरला ने बताया कि भारत दो बार अर्थात 1969 और 1993 में अंतर संसदीय संघ सम्मेलन का आयोजन कर चुका है । पूर्व पीठासीन अधिकारी जीएस ढिल्लों और नजमा हेपतुल्ला विगत में अंतर संसदीय संघ के अध्यक्ष रह चुके हैं ।


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