दुर्जन पुर गौशाला ‌पशुओ के लिए नहीं चारा , तीन दिनों से चारा नहीं भुख से बेहाल गौशाला के मवेशी

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अमित कुमार गर्ग।

गोण्डा। सरकार घुमंतू छुट्टा अथवा निराश्रित पशु मवेशियों की सहायता उनके जीवन की सुरक्षा के लिए लाखों रूपये खर्च कर गौशाला केन्द्र की स्थापना की। लेकिन जिस उद्देश्य के लिए धनराशि खर्च की गई जमीनी स्तर से कोशो दूर। भोजन ,(चारा), बीमारी से पीड़ित पशुओं की इलाज आदि की कोई ब्यवस्था नहीं। भुख से बेहाल पशु जाये तो जाये कहां। जेल में कैदियों को भी भोजन मिलता है लेकिन मुक निरीह प्राणियों की हालत देखने सुनने वाला अन्जान है।

बात करते हैं बिकास खण्ड मुजेहना के गौ आश्रय केन्द्र दुर्जनपुर का जहां अपनी दुर्दशा व बेवशी पर रोना रो रहा ,सबसे अहम बात तो यह है कि लगभग तीन दिनों से पशुओं के खाने की ब्यवस्था नहीं है जिससे गौशाला में मौजूद पशु भूखे मर रहे हैं। नांद सुने पड़े जिससे पशु प्रांगण में उगी घासे खर पतवार चर कर पेट की आग बुझाते है।। अन्दर भारी दुर्गंध उठ रही थी। मौके पर मौजुद गौशाला संरक्षक मनोज यादव,तथा पवन पांडेय से बात करने पर उन लोगो ने बताया अभी तक किसानों द्वारा पराली मंगवा लिया जाता था अब वह भी नहीं है।तीन दिन से पशु चारा खत्म है जो अभी तक नही आया।वजह पूछने पर पता चला लगभग दो महिनों से पेमेंट की बजह से चारा आने में दिक्कत है। किसानों की पराली थी जो अब नहीं मिल रही है। दुर्गंध को लेकर बताया जो पशु मर जाते हैं निकट गड्डा है उसी में डाल दिया जाता है ।कम से कम मिटृटी तो उपर से डाल देना मुर्दे की मिट्टी जिन्दा बनाता है लेकिन ऐसा यहा नहीं है ।तीन चार पशु बीमार नजर आये इस पर उन लोगों ने कहा पशु चिकित्सक नहीं आते हैं जो दवा रखी है हम लोग देते हैं।
इन सब की जानकारी ग्राम प्रधान, सचिव सभी को दी गई है ।इस बावत जब ग्राम प्रधान जगदम्बा वर्मा से की तो उन्होंने सिरे से नकारते हुए कहा ऐसा कुछ नहीं है।चारा आदि सब ब्यवस्था है।वही सचिव सुधांशु वर्मा ने बताया दो तीन महिनों से पेमेंट को लेकर समस्या है इस लिए पराली से चारा की पूर्ति की जाती रही है।। बहरहाल जो‌ भी हो लेकिन गौशाला के मवेशियों का जीवन किसी नर्क से कम नही।
सरकार किसानों के हित तथा पशुओं के समुचित व्यवस्था के लिए गौशाला केन्द्र का निर्माण जरूर किया किसानों को भले ही लाभ हो फसलें बचे लेकिन इन भूख से ब्याकुल पशुओं का कोई पुरुसहाल नहीं।


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