न्यूज़ प्रयागराज:प्रयागराज के योगी नें भगवान विष्णु कों कर लिया कैद।

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हंसकूप पर से कब्जा हटाने को संत हुए एकत्रित

योगी सत्यम के ऊपर है हंसकूप
पर कब्जा करने का आरोप

जतिन कुमार चतुर्वेदी

बुधवार को विश्व हिंदू परिषद के परेड ग्राउंड में हो रहे संत सम्मेलन में ज्योतिष पीठ के पूज्य शंकराचार्य स्वामी वासुदेवानंद सरस्वती जी महाराज एवं रामानुज संप्रदायाचार्य स्वामी विद्या भाष्कर जी महाराज एवं खाक चौक के अध्यक्ष सतुआ बाबा जी एवं सम्मेलन में उपस्थित अन्य सभी संतों ने आपसी सहमति से अंततः निष्कर्ष स्पष्ट किया कि पौराणिक हंस तीर्थ क्षेत्र जो भगवान विष्णु के हंस अवतार की जन्मभूमि है जिसके अंतर्गत हंस तीर्थ मंदिर, हंस कूप, श्री संध्यावट तीर्थ एवं संकष्टहर माधव (प्रयाग के द्वादश माधव में नवें माधव) का स्थान आता है।सम्मेलन की अध्यक्षता पूज्य शंकराचार्य स्वामी वासुदेवानंद सरस्वती जी महाराज कर रहे थे एवं आयोजक चंपत राय , अशोक तिवारी , मुकेश एवं के पी सिंह कर रहे थे। सम्मेलन में स्वामी जितेंद्रानंद सरस्वती, भजनानंद मृत्युंजय धाम के स्वामी हरिहरानंद जी महाराज, पंचायती निर्वाणी अखाड़ा के यमुना पुरी जी, ओंकार गिरी जी, श्री व्यास मुनि जी, एवं अन्य विद्वान तथा प्रबुद्ध संत जन उपस्थित रहे।
ऐसे दिव्य पौराणिक हंस तीर्थ क्षेत्र को सत्यम क्रिया योग अनुसंधान संस्थान द्वारा अतिक्रमण करके नष्ट किया जा रहा है जिसको बचाने के लिए विश्व हिंदू परिषद एवं समस्त श्रद्धालुओं व तपस्वियों को प्रयास करना चाहिए क्योंकि धर्मांतरण इत्यादि जैसे मामलों पर चर्चा करनी चाहिए किंतु धरातल पर जो प्रयागराज के द्वादश माधव हैं एवं श्री पंचकोशी परिक्रमा है प्रयागराज की अंतर्वेदी, मध्यवेदी, तथा वहिर्वेदी परिक्रमा स्थलों पर आने वाले भगवान श्री हरि विष्णु के साक्षात् अवतार श्री हंस भगवान की जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र पर हो रहा अतिक्रमण निंदनीय एवं असहनीय पीड़ा दायक है शीघ्र ही प्रशासन जिला प्रशासन एवं माननीय मुख्यमंत्री जी को पौराणिक हंस तीर्थ क्षेत्र को सुरक्षित एवं संवर्धित करना चाहिए उसके पौराणिक महत्त्व के ही अनुरूप ताकि सभी श्रद्धालु, भक्त श्री हंस भगवान तथा तीर्थ क्षेत्र को सुलभता पूर्वक दर्शन करके कृतार्थ हो सके इसी के साथ श्री हंस भगवान की जय घोष एवं नारे लगाए गए।
श्री हंस जन्म भूमि की जय हो!
पौराणिक हंस तीर्थ क्षेत्र मुक्त हो!
श्री संध्यावट तीर्थ संरक्षित हो!
श्री हंस कूप का जीर्णोद्धार हो!
श्री संकष्टहर माधव पुनः स्थापित हो!इस प्रकार के वचनों एवं भाषणों से विश्व हिंदू परिषद का संत सम्मेलन ओजस्विता पूर्ण भाषा से ओतप्रोत हो गया है।


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