न्यूज़ अमेठी:फाइलेरिया रोधी तीन दवाएं हथिपाँव में बाधेगी जंजीर।

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साल में एक बार और लगातार पांच साल दवा खाने से नहीं होगा फाइलेरिया रोग
-10 फरवरी से 27 फरवरी तक चलाया जाएगा अभियान
-21 लाख से अधिक लोगों को दवा खिलाने का लक्ष्य
फाइलेरिया एक संक्रामक रोग है, आमतौर पर इसे हाथीपांव भी कहते हैं । मच्छरों के काटने से होने वाली इस बीमारी के लक्षण 5 से 15 वर्षों बाद प्रकट होते हैं। इसीलिए व्यक्ति को इस बीमारी का लंबे समय तक आभास तक नहीं होता। एक बार लक्षण प्रकट होने के बाद इस बीमारी का मेडिकल साइंस में कोई इलाज नहीं है। लेकिन यह बीमारी न हो इसके लिए विशेषज्ञ चिकित्सक साल में एक बार और लगातार पांच साल तक फाइलेरिया रोधी दवा खाने की सिफारिश करते हैं।
मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ विमलेंदु शेखर ने बताया कि फाइलेरिया जानलेवा तो नही है लेकिन जीवन भर विकलांगता के मामले में विश्व में दूसरा सबसे बड़ा कारण है। फाइलेरिया रोधी दवाओं के सेवन से हमेशा के लिए इस बीमारी से बचा जा सकता है । इसके लिए जनपद में प्रत्येक वर्ष अभियान चलाकर लोगों को फाइलेरिया रोधी दवा खिलाई जाती है। इस बार यह अभियान 10 फरवरी से 27 फरवरी तक चलाया जाएगा । अभियान में 21 लाख से अधिक लोगों को 3520 स्वास्थ्य कर्मी घर-घर जाकर अपने सामने दवा खिलाएंगे । यह दवा दो साल से छोटे बच्चे, गर्भवती व गंभीर बीमार व्यक्तियों को छोड़कर बाकी सभी को खिलाई जाएगी । इसके लिए ब्लाकवार स्वास्थ्य कर्मियों को प्रशिक्षित किया जा रहा है।
स्वास्थ्य कर्मी सामने खिलाएंगे दवा –
जिला मलेरिया अधिकारी सुशील कुमार ने बताया कि अभियान में तीन प्रकार की दवाओं को शामिल किया गया है। इनमें से कुछ दवाओं की खुराक व्यक्ति की उम्र और लंबाई के अनुसार तय होती हैं । इसके लिए स्वास्थ्य कर्मियों को लंबाई नापने के लिए टूल्स भी दिया गया है । जिसका प्रयोग कर वह मौके पर समझ सकेंगे कि किस व्यक्ति को दवाओं की कितनी मात्रा देनी है । इसके लिए सभी को दक्ष किया जा रहा है । उन्होंने बताया कि सभी स्वास्थ्य कर्मियों को सख्त निर्देश दिये गए हैं कि किसी भी व्यक्ति को दवा घर ले जाने के लिए नहीं देना है बल्कि सभी को दवा अपने सामने ही खिलानी है ताकि सभी को दवाओं की सही खुराक मिल सके।


फाइलेरिया के लक्षण-
इस रोग के कारण शरीर के अंगों में सूजन आने लगती है । इसमें अंडकोष में स्थायी सूजन जिसे हाइड्रोसिल व पैरों में स्थायी सूजन जिसे हाथी पांव कहते हैं। फाइलेरिया का पता लगाने के लिए रात में ब्लड टेस्ट किया जाता है।
ऐसे फैलता है फायलेरिया-
फाइलेरिया से संक्रमित व्यक्ति को जब मच्छर काटता है तो वह भी संक्रमित हो जाता है। यह संक्रमित मच्छर आगे जब किसी स्वस्थ व्यक्ति को काटता है तो उसे भी फाइलेरिया से संक्रमित कर देता है। इसके लक्षण 5 से 15 साल बाद प्रकट होते हैं । मच्छरों से बचाव के लिए घर के अंदर व आस-पास साफ सफाई रखें , पानी न जमा होने दें और सोते समय मच्छरदानी का उपयोग करें । साथ ही मच्छरों से बचाव के लिए पूरी बांह के कपड़े पहने ।


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