नेपाल की बुद्धि शुद्धि के लिए काशी में संतों ने किया यज्ञ
तख्ती के जरिये लिपुलेख, लिम्पियाधुरा और कालापानी को बताया देश की धरोहर
वाराणसी, 13 जून । भारत-नेपाल के बीच बढ़ते तनाव और बिहार से लगी सीमा पर नेपाल पुलिस द्वारा भारतीय किसानों पर अंधाधुंध फायरिंग को लेकर काशी का संत समाज चिंतित है। शनिवार को ईश्वरगंगी नरहरपुरा स्थित पातालपुरी मठ में मठ के महंत बालकदास के नेतृत्व में संतों और बटुकों ने नेपाल सरकार की बुद्धि शुद्धि के लिए वैदिक मंत्रोच्चार के बीच यज्ञ किया।
संतों ने महाबली हनुमान से दोनों देशों में भाईचारा और आपसी सौहार्द के लिए अर्जी लगाई। हवन के दौरान संतों ने तख्ती के जरिये लिपुलेख, लिम्पियाधुरा और कालापानी को भारत की धरोहर बताया। यज्ञ के बाद महंत बालकदास ने बताया कि दोनों देशों के बीच तनाव कम करने और भाई चारा को बढ़ावा देने के लिए यज्ञ किया गया। नेपाल से आज भी हजारों की सख्यां में छात्र पढ़ने के लिए आते है। भारत हमेशा से नेपाल की मदद करता रहा है। संत ने चेताया कि नेपाल सरकार ने अपना रवैया नही बदला तो उनके लिए घातक होगा।
गौरतलब हो कि बिहार के सीतामढ़ी जिले के जानकी नगर स्थित लालबंदी बॉर्डर के पास बीते शुक्रवार को नेपाल पुलिस द्वारा भारतीय किसानों पर अंधाधुंध फायरिंग की गई। इसमें एक भारतीय की मौत हो गई है। जबकि, दाे लोग घायल हुए हैं। घटना के बाद से भारत-नेपाल सीमा पर तनाव बढ़ गया है। दोनों तरफ सुरक्षा बल तैनात कर दिए गए हैं। इस संबंध में सशस्त्र सीमा बल के डीजी ने बयान दिया है कि घटना नेपाल क्षेत्र के अंदर हुई है अब स्थिति पूरी तरह सामान्य है।