प्रयागराज: नाना से बेटे को छुड़ाने के लिए पिता ने कोर्ट में लगायी गुहार

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प्रयागराज, 12 जून । इलाहाबाद हाईकोर्ट में एक पिता ने अपने नाबालिग बेटे को उसके नाना के चंगुल से मुक्त कर उसे सौपने के लिए गुहार लगाई है। हाईकोर्ट ने पिता की गुहार पर नाना द्वारा जबरन रोक कर रखे गये बेटे को 17 जून को पूरी सुरक्षा के साथ दो बजे कोर्ट में पेश करने का निर्देश दिया है। 

कोर्ट ने एसएसपी एवं सीएमओ कानपुर नगर को आदेश दिया है कि नाबालिग बच्चे को कानपुर से इलाहाबाद आते व वापस जाते समय यह सुनिश्चित करे कि उसे कोई इंफेक्शन या बीमारी न होने पाये। कोर्ट ने इसमें लगने वाले खर्च के लिए याची पिता को 15 जून तक महानिबंधक के समक्ष 15 हजार रूपये नकद जमा करने का निर्देश दिया है। याचिका की सुनवाई 17 जून को होगी। 

यह आदेश न्यायमूर्ति जे जे मुनीर ने मधुसूदन व अन्य की बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका पर दिया है। याची का कहना है कि उसके बेटे अंशुमान सचान को नाना प्रमोद सचान ने जबरन निरुद्ध कर लिया है। उनसे मुक्त कराकर याची को अभिरक्षा सौंपी जाय। कोर्ट ने 8 जून को आदेश दिया था कि एसएसपी कानपुर नगर लड़के को चीफ मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट के सामने पेश करे और मजिस्ट्रेट बच्चे का बयान दर्ज कर कोर्ट में प्रेषित करें।  कोर्ट ने सीएमएम के समक्ष दर्ज बयान को देखने के बाद कहा कि कुछ गंभीर सवाल है। याचिका तय करने के लिए जिन्हें जानना जरूरी है। अंशुमान अपने नाना के साथ कानपुर नगर के सजेती थाना क्षेत्र के बरीपाल गाव में रह रहा है।


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