एमएलसी सुरेंद्र चौधरी ने किया रामलीला का समापन।

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उर्मिला शर्मा।

फूलपुर। प्रतापपुर विकासखंड की देखरेख का जिम्मा पार्टी द्वारा दिया गया है। क्योंकि मैंलहन गांव तथा मैंलवन में अपने सगे संबंधी हैं। यही मेरी ननिहाल भी है। रामलीला का पाठ देखता हूं। उसके कर्तव्य का पालन करना जानता हूं। अपने परिवार में कोई ना तो सूर्पनखा न हीं विभीषण नाम रखना चाहता हूं। शबरी का चखा बैर राम ने खाया। परंतु लक्ष्मण ने नहीं खाया। अपने बड़ों का पैर छूने वाला ऊंचाई पर जाता है। उक्त बातें भाजपा के एम एलसी सुरेंद्र चौधरी ने मुख्य अतिथि पद से बोलते हुए मैंलहन रामलीला के समापन समारोह में कहीं। विशिष्ट अतिथि भाजपा के किसान प्रकोष्ठ के राष्ट्रीय सदस्य राकेश बहादुर सिंह ने रामलीला मंच से बोलते हुए कहा। जिस महान व्यक्तित्व ने 1935 से यह रामलीला शुरू किया। मंच पर उसकी प्रतिमा नही है। मैं प्रयास करूंगा। हिंदू-मुस्लिम का सामन्जस देख निहाल हुए। रामलीला के अध्यक्ष पूर्व प्रमुख घनश्याम दुबे ने सभी अतिथियों का स्वागत किया तथा अपने पिताश्री स्वर्गीय ओमकार नाथ, वैद द्वारा स्थापित रामलीला को विस्तार से बताया। संचालन श्याम जी दुबे एडवोकेट ने किया। मौके पर आयोजक हिमांशु दुबे शिवाजी दुबे दिनकर दुबे दिवाकर दुबे उमाकांत दुबे प्रधान अनिल चौधरी उमाकांत पांडेय सियाराम मिश्रा पुट्टी लाल गुप्ता शिवनारायण सिंह गप्पू प्रधान सहसो आदि मौजूद रहे।


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