बौद्धों का सबसे महत्वपूर्ण त्यौहार: बुद्ध पूर्णिमा

Share:

जयति भट्टाचार्य।
बुद्ध पूर्णिमा को वेसाक भी कहते हैं। विश्व भर में बौद्ध धर्म मानने वालों के लिए यह सबसे महत्वपूर्ण त्यौहार है। इसी पवित्र दिन को गौतम बुद्ध का जन्म, ज्ञानोदय और मृत्यु तीनों हुआ था। गौतम बुद्ध बौद्ध धर्म के संस्थापक थे। यह त्यौहार हिंदूओं के वैशाख मास की पूर्णिमा पर होता है। इस साल यह 16 मई 2022 को मनाया जाएगा।

यद्यपि गौतम बुद्ध के जन्म और मृत्यु का समय निश्चित नहीं है परंतु यह माना जाता है कि  वह छटवीं से चैथी सदी ईसा पूर्व में जन्मे थे। उनका जन्म नेपाल के लुम्बिनी नामक स्थान पर हुआ था। उनका जन्म राजपरिवार में हुआ। बचपन में वह राजकुमार सिद्धार्थ के रूप में जाने जाते थे। कहा जाता है कि उनके जन्म से बहुत पहले भविष्यवाणी हुई थी कि वह या तो महान राजा बनेंगे या बड़े सन्यासी। उन्हें बचपन में ऐशोआराम की हर वस्तु मिली और वह राजकुमार की तरह ही पल रहे थे। यहां तक कि उन्हें यह भी पता नहीं था कि मानव जीवन में  दुख नाम की कोई चीज होती भी है। अपने जन्म के दो दशक तक वह मनुष्य के दुखों से अनजान थे। जब उन्हें बीमारी, बुढ़ापा और मृत्यु का पता चला तो 29 साल की उम्र में उन्होंने राजमहल को अलविदा कहने का मन बना लिया और इन दुखों का जवाब खोजने के लिए निकल पड़े।
कई सालों तक वह अनेक शिक्षाओं में अपने उत्तर खोजते रहे, पर उन्हें कोई जवाब नहीं मिला। एक रात वह गहरे ध्यान में थे और जब वह ध्यान से बाहर आए तो उन्हें सब जवाब मिल चुके थे। 35 साल की उम्र में उन्हें ज्ञानोदय हुआ और वह सिद्धार्थ गौतम बुद्ध बने। अपनी बाकी की जिंदगी उन्होंने बौद्ध धर्म का प्रचार करने में बिताया जिससे लोग आलोकित हो सकें। उनकी मृत्यु उत्तर प्रदेश के कुशीनगर में 80 साल की उम्र में हुई।


Share: