देश के बेटियों के लिए मोदी सरकार का ऐतिहासिक फैसला- संजय पोद्दार
डॉ अजय ओझा।
शादी की उम्र 21 साल करना देश के बेटियों के लिए बरदान साबित होगा।
रांची, 22 दिसंबर। अंतराष्ट्रीय वैश्य महासम्मेलन के प्रदेश सचिव संजय पोद्दार ने मोदी सरकार द्वारा शादी की उम्र 21 साल करने का स्वागत करते हुए कहा देश की बेटियों के लिए यह ऐतिहासिक फैसला है देश की बेटियों के लिए यह बरदान साबित होगा । समाज में व्याप्त कुप्रथा के कारण आज भी कई घरों में बेटी बहू को अपने जीवन से जुड़े निर्णय लेने का अधिकार प्राप्त नहीं है स्त्रियों को समाज पोषित कुरीतियों से आजादी दिलाने के लिए समय समय पर समाज सुधारक आगे आए कानून में भी बदलाव किए गए जिसका काफी फायदा मिला पर अभी भी कई कुरीतियां समाज में मौजूद है। बाल विवाह ऐसे ही एक कुरीतियां है जिसे मुक्ति के लिए कानून भी बना और जागरुकता अभियान भी चलाया गया देश में पहली बार 1929 में शारदा एक्ट पारित किया गया जिस में लड़कियों के शादी की उम्र 15 वर्ष तय की गई वर्ष 1978 में फिर संशोधन करते हुए इसे 18 साल कर दिया गया लेकिन आज भी देश में इस कुरीतियों से बेटियो को छुटकारा नहीं मिला है। कम उम्र में शादी से महिलाओं की आजादी ,स्वास्थ, रहन-सहन, संबंधित तमाम तरह की परेशानियों को देखते हुए एक बार फिर मोदी सरकार ने लड़कियों के शादी की उम्र बढ़ा कर 21 साल कर दिया है यह स्वागत योग कदम है इसे बेटियां अब पढ़ाई कर सकेंगी और अपने पैरों पर खड़े होकर आत्मनिर्भर बन सकेगी मोदी सरकार का यह फैसला ऐतिहासिक फैसला है।