संपादक के घर पर अपराधियो का हमला , मद्दत मांगने गए छोटे बेटे को पुलिस ने पीटा
सन्तोष।
प्रयागराज। मुठीगंज थाना अंतर्गत संतोष कुमार संपादक दैनिक घटनाएं अखबार के घर पर रविवार अधरात्रि 1 बजे के करीब 10 से 12 अपराधियो नेे हमला कर दिया। जिसमें एक महिला भी शामिल थी हमलावरों ने घर मे घुस कर तोडभोड़ की और बड़ी बेटी, पत्नी व छोटे बेटे के साथ मारापीट करते हुए अमान्यनीय व्यवहार किया। जब इस घटना की जानकारी देने के लिए छोटे बेटे स्थानीय थाने पहुचा, तो पुलिस ने उसकी एक भी बात नही सुनी और उसे मारपीट कर धारा 151 में कार्यवाही कर दिया। जबकि पीड़ित बीमार चल रहा था, मिली जानकारी के अनुसार संपादक संतोष कुमार के चार बच्चे है जिसमे छोटे व बड़े बेटे और बीच मे बेटियां है। बड़े बेटे सुभम केसरवानी रविवार करीब 11 बजे के करीब अपने मित्रो के साथ खाने पीने के दौरान कुछ कहासुनी व मारपीट हो गई। स्थानीय लोगो के बीचबचाव से मामला शांत कराया गया। अधरात्रि करीब 1 बजे सौरभ केसरवानी, गजीगंज ऋषभ केसरवानी, चमरौटी गली ससुर प्रदीप केसरवानी, सास अज्ञात बरगद गली व अन्य 8 से 9 अज्ञात लोग घर पर घुसकर लाठी डंडे के साथ हमला कर दिया। उस समय घर पर बड़ी बेटी, पत्नी व छोटे बेटे मौजूद थे। हमलावरों ने घर मे घुसकर तोडभोड़ करते हुए मारपीट करने लगे तभी बड़े बेटे शुभम केसरवानी को घर आते देख हमलवारों ने उसे पकड़कर मारपीट करते हुए लहूलुहान कर दिया। उस दौरान संपादक व छोटी बेटी घर पर मौजूद नही थे। हमला की जानकारी होते ही संपादक संतोष कुमार स्थानीय थाने को सूचित किया। सूचना पाकर पुलिस घटना स्थल पर पहुँचकर शुभम केसरवानी, प्रदीप केसरवानी सौरभ केसरवानी व ऋषभ केसरवानी को पकड़कर थाने ले गई। अन्य सभी अपराधी फरार हो गए ।
उक्त घटना की जानकारी देने के लिए छोटे बेटे अनुज केसरवानी जब थाने पहुचा तो पुलिस ने उसकी एक बात भी नही सुनी। उसे थानेदार के मौजूदगी में बुरी तरह से मारापीटा गया। जबकि पीड़ित न्याय की गुहार लगाता रहा और कहता रहा मेरे पिता घटनाएं दैनिक अखबार के संपादक है। आप उनसे बात कर ले। जिसकी ऑडियो किलिप मौजूद है। उसे भी धारा 151 के तहत कार्यवाही कर दिया गया। स्थानीय पुलिस की अमान्यनीय व कृत्य कार्य से पुलिस की कार्यशैली पर सवाल उठना लाजिमी है। जबकि प्रयागराज एसएसपी कानून व्यवथा को दुरुस्त करने हेतु नियमित प्रयासरत है और शासन के निर्देशों को पालन हेतु आये दिन पुलिस के अधिकारियों को निर्देशित करते रहते है। पर पुलिस उनकी नही सुनती और अपनी निजी हित के लिए मनमानी किया करती रहती है।
सीएम योगी पत्रकारों के सुरक्षा हेतु निर्देशित कर रखा है कि पुलिस, पत्रकारों के ऊपर हो रहे हलमो को शीर्घ रोके और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्यवाही करें। पर पुलिस अपने निजी हित के चलते उनके फरमानों को अनदेखी किया करती है ।
अब सवाल यह उठता है कि पत्रकार के घर पर हुए हमलों को पुलिस संज्ञान क्यों नही लिया क्यों कार्यवाही नही की जबकि संपादक के सूचना पर पुलिस घटना स्थान पर पहुची थी ।
क्यों धारा 151 के तहत संपादक के दोनों बेटों पर कार्यवाही की गई ?
क्यों न्याय की गुहार लगाने पहुचे छोटे बेटे के खिलाफ थानेदार के मौजूदगी में मारपीट कर धारा 151 के तहत कार्यवाही की गई।
अब सोचने वाली बात यह है कि जब पुलिस पत्रकारों को सुरक्षा व न्याय दिलाने में असक्षम है तो आम लोगो को न्याय कैसे दिलाते होंगे।
आलाधिकारियों को तनिक विचार करना चाहिए पुलिस अपने क्षेत्रों में किस प्रकार से कार्य कर रही है।