महिला उन्मुख साइबर अपराध की रोकथाम आवश्यक- डॉ अश्विनी कुमार

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रवीन्द्र श्रीवास्तव।

सिद्धार्थनगर। प्रदेश सरकार द्वारा चलाये जा रहे विशेष कार्यक्रम मिशन शक्ति के तहत राजकीय महाविद्यालय, पचमोहनी में लैंगिक हिंसा रोकथाम व साइबर सुरक्षा के प्रति जागरूकता विषयान्तर्गत ऑनलाइन संवाद का आयोजन हुआ। क्षेत्रीय उच्च शिक्षा अधिकारी, गोरखपुर के डा. अश्विनी कुमार मिश्र मुख्य अतिथि के बतौर आमन्त्रित थे। मुख्य अतिथि ने कहा कि उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा चलाये जा रहे मिशन शक्ति अभियान से महिलाओं, छात्राओं, बालिकाओं के प्रति समाज में सम्मान का भाव अत्यंत गहरा होगा। महिला के प्रति संवेदनशील नजरिया उनको सबल बनाकर मुख्य धारा से जोड़ने का कार्य करेगी। विशेष आमन्त्रित वक्ता के तौर पर उच्च न्यायालय, लखनऊ के अधिवक्तागण नुसरत जहाँ एवं सचिन श्रीवास्तव ने अपने विचारों को छात्रों के समक्ष रखा। अधिवक्ता नुसरत जहाँ ने कहा कि महिला के साथ होने वाले अत्याचार सीधे लैंगिक भेदभाव से जुड़े हैं। भारतीय दण्ड सहिंता और विशेष संवैधानिक प्रावधान के बावजूद महिला के सशक्त होने में समय लोक जागरूकता के अभाव के कारण लग रहा है। अधिवक्ता सचिन श्रीवास्तव ने बताया कि महिला को वस्तु मानकर उसका उत्पीड़न व अपमान हमेशा होता रहा है। सूचना एवं तकनीकी के युग में महिलाओं के प्रति अपराध में बढ़ोत्तरी देखी गयी है। चाहे सोशल मीडिया हो या इन्टरनेट कॉन्टेंट, महिला के सहमति के बिना, चोरी-छिपे उनके साथ अपराध हो रहा है। जिससे पीड़ित महिलायें अवसाद का शिकार हो जाती हैं। सरकार द्वारा लागू किये वर्ष 2008 के आईटी एक्ट महिला को साइबर शोषण तथा निजता के हनन से बचाता है। दोनों अधिवक्ता ने इस बात पर जोर दिया कि महिलाओं के सजग रहने व कानूनी जानकारी होने से उनके साथ घटित होने वाले साइबर या अन्य अपराधों में कमी आएगी। इस कार्यक्रम के दौरान प्राचार्य डा. महेन्द्र प्रकाश, डा. अजय सोनकर, संतोष, शब्बीर व छात्र छात्राएं ऑनलाइन जुड़े रहे।


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