दिव्यांगजनों के यूनिक दिव्यांगता आईडी कार्ड (UDID) और दिव्यांगता प्रमाण पत्र बनाने को लेकर बैठक

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डॉ अजय ओझा।

उपायुक्त रांची श्री छवि रंजन की अध्यक्षता में बैठक।

दिव्यांग पेंशनधारियों से आवेदन प्राप्त करने का निदेश।

रांची, 18 फरवरी। उपायुक्त रांची छवि रंजन की अध्यक्षता में दिव्यांगजनों के यूनिक दिव्यांगता आईडी कार्ड (UDID) और दिव्यांगता प्रमाण पत्र बनाने हेतु बैठक आयोजित की गयी। वर्चुअल माध्यम से आयोजित बैठक में उप विकास आयुक्त रांची, सिविल सर्जन रांची, सहायक निदेशक सामाजिक सुरक्षा रांची सह जिला समाज कल्याण पदाधिकारी, जिला शिक्षा अधीक्षक और जिला शिक्षा पदाधिकारी उपस्थित थे।

बैठक में दिव्यांगजनों के यूनिक दिव्यांगता आईडी कार्ड (UDID) बनाने हेतु उपायुक्त, श्री छवि रंजन ने पदाधिकारियों को आवश्यक दिशा निर्देश दिये। उन्होंने कहा कि वैसे दिव्यांगजन जिनका दिव्यांगता प्रमाण पत्र निर्गत है उनका UDID कार्ड बनाया जाना है। यह कार्ड दिव्यांगजन सशक्तिकरण विभाग, भारत सरकार द्वारा बनाया जायगा।

बैठक में सहायक निदेशक, सामाजिक सुरक्षा, राँची श्री शत्रुंजय कुमार ने बताया कि राँची जिलान्तर्गत लगभग 12 हज़ार दिव्यांगजनों को प्रतिमाह सामाजिक सुरक्षा पेंशन योजना का लाभ दिया जा रहा है। इनमें UDID बनाने के लिए 5509 आवेदन प्राप्त हुए हैं, जिनमें 3407 आवेदन सिविल सर्जन कार्यालय में सत्यापन हेतु भेजा गया है। उपायुक्त श्री छवि रंजन ने निर्देश दिया कि जैसे-जैसे आवेदन का सत्यापन हो रहा है, इसे सहायक निदेशक सामाजिक सुरक्षा को प्रेषित करें ताकि दिव्यांगजनों का UDID बनाया जा सके।

बैठक के दौरान उपायुक्त श्री छवि रंजन ने 6-18 वर्ष आयु वर्ग के स्कूल में पढ़ने वाले दिव्यांग बच्चों का दिव्यांगता प्रमाण पत्र बनाने की भी समीक्षा की। जिला शिक्षा पदाधिकारी ने बताया कि जिला के स्कूलों में इसके लिए 6449 बच्चों को चिन्हित किया गया है, जिनमें 1379 बच्चों का दिव्यांगता प्रमाण पत्र बन चुका है जबकि 5070 बच्चों का कार्ड बनाया जाना है। इसे लेकर उपायुक्त ने स्कूलों में कलस्टर बनाते हुए मैपिंग करने का निर्देश दिया। उन्होंने कहा कि जिला शिक्षा पदाधिकारी और जिला शिक्षा अधीक्षक मैपिंग कर प्रतिवेदन जिला समाज कल्याण पदाधिकारी को दें ताकि कलस्टर बनाते हुए मेडिकल बोर्ड को भेजा जा सके।

उपायुक्त श्री छवि रंजन ने कहा कि दिव्यांगता प्रमाण पत्र बनाने के लिए जहां कहीं भी मेडिकल बोर्ड या फिर कैंप लगाया जाएगा, उसके लिए आवेदन पत्र एकत्र कर लें। साथ ही स्वावलंबन पोर्टल पर एंट्री सुनिश्चित कर लें ताकि मेडिकल बोर्ड एग्जामिन कर तुरंत दिव्यांगता प्रमाण पत्र निर्गत कर सके।

बैठक के दौरान उपायुक्त श्री छवि रंजन ने सहायक निदेशक सामाजिक सुरक्षा श्री शत्रुंजय कुमार को निर्देश दिया कि जिन बच्चों को दिव्यांगता प्रमाण पत्र बनाने के लिए चिन्हित किया गया है, उनके लिए जिला शिक्षा पदाधिकारी और जिला शिक्षा अधीक्षक को स्वामी विवेकानंद निशक्त स्वावलंबन प्रोत्साहन योजना से संबंधित आवेदन प्रपत्र एवं अन्य जानकारी उपलब्ध कराएं ताकि दिव्यांगता प्रमाण पत्र बनने के साथ ही बच्चों को योजना का लाभ मिल सके। इस योजना अंतर्गत 5 वर्ष से ऊपर के बच्चे जिनकी दिव्यांगता 40% से जज्यादा है उन्हें लाभ दिया जाता है।


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