आंखों में जलन और सांस लेने में हो रही है,कठिनाई म्योराबाद के निवासियों को
जयति भट्टाचार्य।
प्रयागराज। कैंट थाना अंतर्गत घनी आबादी में स्थित म्योराबाद कब्रिस्तान के निकट रहने वाले लोगों के द्वारा आई शिकायतों से यह ज्ञात हुआ कि, यहां के निवासियों को विगत कई दिनों से सांस लेने में कठिनाई व आंखों में जलन होने की बात कही जा रही है ।
स्थानीय संवाददाता ने अपने स्तर पर जांच में यह पाया कि म्योराबाद कब्रिस्तान के अंदर घना जंगल है जिसमें घास-फूस सहित बड़े पेड़ पौधे भी हैं।
विषय संबंधित सम्मानित दैनिक समाचार पत्र के माध्यम से यह ज्ञात हुआ कि म्योराबाद चर्च के पादरी व म्योराबाद कब्रिस्तान के व्यवस्थापक प्रवीण मैसी ने यह स्वीकार किया कि एक सप्ताह पूर्व कब्रिस्तान की घास के ऊपर तरल रासायनिक पदार्थ का छिड़काव किया गया था, जिससे घास-फूस आदि नष्ट होकर सूख जाते हैं, तत्पश्चात उन्हें आग के हवाले कर दिया जाता है, ऐसा पहले भी कई वर्षों से किया जा रहा है।
इस क्रम में जब लोगों ने कब्रिस्तान परिसर में आग लगा तथा घना काला घना धुआं उठता देखा तो सारा माजरा समझते देर नहीं लगी, तो लोगों ने घटना से संबंधित अधिकारियों को अवगत करा दिया किन्तु कोई समुचित कार्यवाही नहीं हुई ।
राष्ट्रीय हरित प्राधिकरण ने पूरे देश में पराली व वायु प्रदूषण संबंधित क्रियाकलापों पर रोक लगा रखी है और शासन व प्रशासन को सख्त निर्देश दिया है कि यदि देश में कहीं भी कोई प्रर्यावरण को हानि अथवा वायु प्रदूषण करता है तो उसके विरुद्ध वायु प्रदूषण नियंत्रण अधिनियम 1981 पर्यावरण संरक्षण अधिनियम 1986 के अंतर्गत विधिक कार्रवाई करें, आवश्यकता हो तो अपराध कारित व्यक्ति या व्यक्तियों की गिरफ्तारी भी कर सकते हैं।