गंगा किनारे मंदिर में साधु बनकर पूजा करता था माओवादी
कोलकाता, 03 मई । राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने शनिवार को हुगली जिले के सेवड़ाफूली से मनोज चौधरी नाम के जिस 46 साल के माओवादी को गिरफ्तार किया है, वह साधु बनकर क्षेत्र में रह रहा था। गंगा किनारे एक मंदिर में रोज पूजा करता था और निवासियों को प्रसाद भी दिया करता था। उसके इस छलावे वाले स्वरूप के बारे में आसपास के लोगों को भनक भी नहीं लगी थी। शनिवार को जब दिल्ली से पहुंची एनआईए की टीम उसे गिरफ्तार कर अपने साथ ले गई है तब से इलाके के लोग अचंभित हैं। दरअसल शनिवार को एनआईए की टीम ने उसे गिरफ्तार किया था। वह झारखंड के गिरिडीह का निवासी है और वहां माओवादी संगठन सीपीआई (माओवाद) से जुड़ा हुआ है। 2008 से 2018 के बीच इस संगठन ने क्षेत्र में कई बड़े हिंसक घटनाओं को अंजाम दिया था, जिसमें सुरक्षाकर्मियों पर हमले भी शामिल थे। उसके खिलाफ आर्म्स एक्ट के साथ-साथ देशद्रोह की धाराओं के तहत मामला दर्ज था और एनआईए लगातार उसे तलाश रही थी। मनोज चौधरी का काम उग्रवादी गतिविधियों के लिए रियल स्टेट कारोबार के जरिए फंड एकत्रित करना था। 2018 में उसके खिलाफ चार्जशीट पेश किया गया था जिसके बाद वह लापता हो गया था। बताया गया है कि झारखंड के गिरिडीह से हुगली जिले के सेवड़ाफूली में आ गया था। यहां गंगा नदी के किनारे एक मंदिर में वेश बदल कर रहा था। एनआईए की टीम को जब इसकी भनक लगी तो तुरंत पश्चिम बंगाल पुलिस के स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) से संपर्क साधा गया। एनआईए की टीम कोलकाता के भवानी भवन स्थित पुलिस मुख्यालय में भी पहुंची। वहां से हुगली जिला पुलिस को निर्देश दिया गया और श्रीरामपुर थाने की पुलिस ने उसकी गिरफ्तारी में एनआईए की टीम को मदद की थी। जब उसे गिरफ्तार करने के लिए पुलिस की टीम पहुंची थी तब वह पुलिसकर्मियों को भी भक्ति का पाठ पढ़ा रहा था और खुद को साधु बताने पर ही अड़ा हुआ था। लेकिन जब एनआईए की टीम ने खुलासा किया कि वे एनआईए से है तब भागने लगा था जिसके बाद उसे धर दबोचा गया। उसी दिनों उसे रांची ले जाकर कोर्ट में पेश किया गया है जहां से 5 दिनों के रिमांड पर लिया गया है।