मध्य प्रदेश चुनाव अपडेट : मतदाता की दुविधा तोड़ने तेज हुए प्रयास ।
देवदत्त दुबे ।
भोपाल, अक्तूबर 27 । अब जबकि मतदान होने को केवल 1 सप्ताह का समय रह गया है, तब राजनीतिक दलों और प्रत्याशियों द्वारा मतदाताओं की दुविधा तोड़ने के लिए प्रयास तेज कर दिए गए हैं । एक तरफ जहां ताबड़तोड़ सभाएं हो रही है । वही घर-घर दस्तक देकर मतदाताओं को अपनी ओर करने का प्रयास किया जा रहा है ।
दरअसल प्रदेश में पहली बार 28 विधानसभा सीटों के उपचुनाव होने जा रहे हैं और एक सीट दमोह विधानसभा की और रिक्त हो गई है और चर्चा अभी कुछ और विधायकों के इस्तीफे की चल रही है । ऐसे में यह उपचुनाव का सिलसिला आगे भी जारी रह सकता है ।लेकिन अभी तो सरकार बनाने के लिए कांग्रेस जहां पूरा जोर लगा रही है वहीं भाजपा वर्तमान सरकार को बचाने के लिए एक तरफ जहां उपचुनाव को जीतने के लिए पूरे प्रयास कर रही है । वही बहुमत के विधायकों का इंतजाम भी चुनाव परिणाम आने के पहले कर लेना चाहिए । दोनों ही दलों में हो अपने दिग्गज नेताओं को जहां मैदान में उतारा हुआ है वही कार्यकर्ताओं को भी घरों से निकाला गया है ।

बहरहाल अब तक चुनाव प्रचार से दूर रहे पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह अंतिम 6 दिनों में चुनाव प्रचार करेंगे क्योंकि अब तक कांग्रेस पार्टी पर यह आरोप लगाया जा रहा था की वह दिग्विजय सिंह को पीछे रख रही है ।लेकिन दिग्विजय सिंह ने अपना बचाओ करते हुए कहा है की, तेजी से रन बनाने वाले बल्लेबाज को जिस तरह अंतिम ओवरों में भेजा जाता है उसी तरह मुझे भेजा जा रहा है । इसी तरह पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती भाजपा की ओर से चुनाव मैदान में उतर चुकी हैं 2 दिन से लगातार बुंदेलखंड के क्षेत्रों में सभाएं कर रही भारती, ग्वालियर, चंबल, इलाके में भी सभा करने जाएंगी । पूर्व केंद्रीय मंत्री प्रलाद पटेल आज सांची विधानसभा क्षेत्र में जनसभा को संबोधित करेंगे । प्रदेश मंत्रिमंडल के अधिकांश सदस्यों को विधानसभा क्षेत्रों की जिम्मेदारी देकर संबंधित क्षेत्र को जिताने के लिए कहा गया है । वरिष्ठ मंत्री गोपाल भार्गव पिछले 3 दिन से बड़ा मलहरा क्षेत्र में डेरा डालकर अपने समर्थकों के साथ चुनाव प्रचार में डटे हुए हैं ।सुर्खी क्षेत्र के प्रभारी कैबिनेट मंत्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर, सुरखी विधानसभा क्षेत्र में गांव गांव जनसंपर्क कर रहे हैं ।

कुल मिलाकर माहौल और मैनेजमेंट के महा मुकाबले में मतदाताओं की दुविधा को तोड़ने के लिए अब दोनों ही दलों ने अपनी पूरी ताकत झोंक दी है । इधर मौसम में जैसे-जैसे गुलाबी ठंड शुरू हो गई है, वैसे-वैसे विधानसभा क्षेत्रों में चुनावी सरगर्मी बढ़ती जा रही है । प्रदेश के अधिकांश नेता 28 विधानसभा क्षेत्रों में डेरा डाले हुए हैं । जाति विशेष के गांव में उस जाति के नेता को दोनों ही दलों की ओर से भेजा जा रहा है । यह तो वक्त ही बताएगा कि किस दल की नेता का उसकी जाति पर कितना प्रभाव है । कहीं-कहीं स्थानीय मुद्दे इतने हावी हैं कि नेताओं को मतदाता की चुप्पी तोड़ने में पसीना आ रहा है । एक दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप लगाना यहां तेज हो गया हैं । वही अधिकारियों और कर्मचारियों की शिकायत है । अभी बढ़ गई हैं खासकर बैलेट पेपर से वोट डलवाने को लेकर कांग्रेसी चुनाव आयोग में शिकायत करने पहुंच गई और पूरी प्रक्रिया को ही निरस्त करने की मांग करने लगी है ।भाजपा भी शिकायत करने के मामले में पीछे नहीं है । जाहिर है इन उपचुनाव में किसी भी मोर्चे पर दोनों दल कमजोर नहीं पढ़ना चाहते हैं क्योंकि इन चुनाव के परिणाम सरकार का भविष्य ही तय नहीं करेंगे बल्कि प्रदेश की और देश की राजनीति को भी प्रभावित करेंगे ।