मध्य प्रदेश: अब दिल्ली ही तय करेगा प्रदेश सरकार का दरबार (मंत्रिमंडल विस्तार)
भोपाल : संगठन की तर्ज पर अब सत्ता में भी नए चेहरों को मौका दिया जाएगा पिछले एक महीने से मुख्यमंत्री चौहान और संगठन पदाधिकारियों के बीच कई दौर की बातचीत हुई लेकिन मंत्रिमंडल के नामों का अंतिम सहमति नहीं बन पाई है लेकिन गुरुवार को हुई बैठक में नया रास्ता निकला है जिसमें नए लोगों को मौका दिया जाएग। वरिष्ठ विधायकों को मनाने के लिए केंद्रीय नेतृत्व का सहारा लिया जाएगा जिसमें माना यही जाएगा जो मंत्री बनाए जाएंगे वह केंद्रीय नेतृत्व ने ही उसी प्रकार तय किए हैं जैसे पांच मंत्रियों के नाम तय किए गए थे।
दरअसल भाजपा में वरिष्ठ विधायकों की भरमार है सात छह पांच और चार बार के लगभग 40 विधायक है । इनमें दो दर्जन पूर्व मंत्री शामिल है और सभी मंत्री बनने के लिए जोड़-तोड़ कर रहे हैं यही कारण है कि पिछले 1 महीने की कवायद के बाद भी मंत्रिमंडल मैं शामिल होने वाले विधायकों के नाम पर सहमति नहीं बन पाई है। यही कारण है की संगठन की तर्ज पर सरकार में भी नए चेहरों को शामिल किया जाएगा मोटे तौर पर सूची तैयार कर ली गई है, लेकिन इस सूची को अंतिम रूप, दिल्ली में दिया जाएगा। मुख्यमंत्री चौहान ने मीडिया से बातचीत के दौरान कहा कि वे जल्द ही कैबिनेट का विस्तार करेंगे। संभावना जताई जा रही है की पार्टी हाईकमान से हरी झंडी मिलने के बाद अगले हफ्ते मंत्रियों को शपथ दिला दी जाएगी मंत्रिमंडल गठन की कवायद तेज होते ही संगठन पदाधिकारियों से वरिष्ठ विधायकों के मिलने का सिलसिला शुक्रवार को भी जारी रहा। मुख्यमंत्री चौहान के साथ साथ प्रदेश अध्यक्ष बीडी शर्मा और प्रदेश संगठन महामंत्री सुहास भगत से मिलने वालों का तांता लगा रहा। पूर्व मंत्री भूपेंद्र ठाकुर और पूर्व मंत्री गौरीशंकर बिसेन ने प्रदेश कार्यालय में भाजपा प्रदेश अध्यक्ष बीडी शर्मा और संगठन महामंत्री सुहास भगत से मुलाकात की मुलाकात के बाद भूपेन ठाकुर का कहना था कि उनकी बातचीत केवल सागर जिले की उपचुनाव को लेकर हुई वही पूर्व मंत्री गौरीशंकर बिसेन ने मीडिया से कहा कि भाजपा में मंत्री बनने के लिए दावा नहीं किया जा सकता। इसके पहले भी एक दर्जन से ज्यादा वरिष्ठ एक दर्जन से ज्यादा वरिष्ठ विधायक मुख्यमंत्री चौहान और संगठन पदाधिकारियों से मुलाकात कर चुके है ।
बहरहाल एक तरफ कोरोना महामारी का संकट और दूसरी तरफ 24 सीटों पर होने जा रहे हैं विधानसभा के उपचुनाव के बीच सत्ता और संगठन मिलकर मंत्रिमंडल गठन को अंतिम रूप दे चुके हैं। लेकिन इस सूची पर पार्टी हाईकमान की मोहर लगवाने के लिए मुख्यमंत्री चौहान जल्द ही दिल्ली जा सकते हैं। सदन के अंदर प्रमुख विपक्षी दल कांग्रेस को संभालने के लिए विधानसभा अध्यक्ष पद पर अनुभवी और वरिष्ठ विधायक को बनाए जाने और पर भी सहमति बनाई जा रही है। दूसरी तरफ कांग्रेस, भाजपा के मंत्रिमंडल विस्तार पर आंखें गड़ाए हुए हैं। इसके बाद ही प्रदेश में सरकार के खिलाफ मोर्चा खोलने की तैयारी है । विभिन्न मुद्दों पर सरकार की जवाबदेही तय करने के लिए कांग्रेसी एकजुट हो रहे हैं। खासकर राहत पैकेज महामारी की नाकामियां प्रवासी मजदूरों की समस्या और किसानों की समस्याओं पर सरकार को घेरा जाएगा।
24 सीटों पर होने जा रहा है विधानसभा के उपचुनाव के लिए भी कांग्रेस में ग्वालियर में अलग से वार रूम बनाने की तैयारी कर ली है। प्रशांत किशोर की सेवाएं भी इन 24 सीटों पर पार्टी लेने जा रही है। कांग्रेस की तैयारियों से भी भाजपा सतर्क और सावधान है । यही कारण है कैबिनेट के विस्तार के लिए बताओ संगठन में लंबी कवायद कर ली है । अब दिल्ली से पार्टी हाईकमान हरी झंडी मिलने के बाद मंत्रिमंडल का विस्तार कभी भी किया जा सकता है।
ब्यूरो प्रमुख : देवदत्त दुबे