कदम कदम पर कोरोना से होती मुश्किलें

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देवदत्त दुबे

4 मार्च: भोपाल, मध्य प्रदेश। प्रदेश में एक आईएस अधिकारी के कोरोना पॉजिटिव मिलने के बाद प्रशासनिक क्षेत्र में हड़कंप है ही अब राजधानी भोपाल में राज भवन और मुख्यमंत्री निवास को भी कंटेनमेंट एरिया घोषित कर चारों ओर से बंद कर दिया गया है।

राजधानी भोपाल में अब तक 5 कंटेनमेंट एरिया घोषित हो चुके हैं और इनके आसपास के 2 किलोमीटर एरिया को बफर जोन घोषित किया गया है। शुक्रवार को कलेक्टर तरुण पिथोड़े ने आईएएस जे विजय कुमार के कोरोना संक्रमित हो जाने के बाद उनके निवास स्थान 1 किलोमीटर तक के क्षेत्र को कंटेंटमेंट क्षेत्र घोषित किया गया है। भोपाल में अब तक 9 व्यक्ति कोरोनावायरस पाए गए हैं। जिसमें एक पुलिस का सिपाही भी है।

राज भवन 4 दिन से और मुख्यमंत्री निवास को भी कंटेनमेंट एरिया घोषित किया गया है। जब से आईएएस यह विजय कुमार के कोरोना पॉजिटिव मिलने की रिपोर्ट आई है तब से प्रदेश के अधिकांश अधिकारी होटलों और प्रशासन अकादमी के छात्रावासों में क्वॉरेंटाइन हो रहे हैं ।पता चला है श्यामला हिल्स और एमपी नगर के होटलों में भी अफसरों की जांच की जा रही है। मैदान में काम करने वाले कुछ अफसरों ने प्रशासन अकादमी के छात्रावासों में अस्थाई निवास बनाने का निर्णय लिया है।

राजधानी भोपाल में जिस तरह से अधिकारी और पुलिस के सिपाही को कोराना पॉजिटिव मिला है तब से राजधानी में और भी सतर्कता बरती जाने लगी है, अब राज भवन और मुख्यमंत्री निवास चारों तरफ से घेर लिया गया है।


कुल मिलाकर कोरोनावायरस से जहां आम आदमी घरों में लॉक डाउन हो गया है, वही महत्वपूर्ण फैसले भी टाले जा रहे हैं। प्रदेश में मंत्रिमंडल का गठन डाले जाने की वजह भी कोरोना को माना जा रहा है क्योंकि मंत्रिमंडल का गठन करना आसान नहीं है। एक अनार सौ बीमार की स्थिति है बागी विधायकों में से लगभग 10 का मंत्री बनना तय है, लेकिन भाजपा में किसे बनाया जाएगा यह कहा नहीं जा सकता। पार्टी में अधिकांश विधायक सीनियर होने के कारण दावेदारों की संख्या कुछ ज्यादा ही है। सूत्रों की माने तो पार्टी ने एक कमेटी बनाई है, जो वरिष्ठ विधायकों को समझाइश देगी की अभी मंत्री बनने से ज्यादा महत्वपूर्ण सरकार चलाना है। इसलिए मंत्री बनने के प्रयास ना करें पार्टी समय परिस्थिति के अनुसार नाम तय करेगी। क्योंकि पार्टी समझ रही है इस समय परिस्थिति अनुकूल नहीं है। ऐसे में तेरे मेरे की जगह अनुभवी विधायकों को मंत्री बनाया जाएगा जिसमें जाति और क्षेत्रीय समीकरणों का ध्यान रखा जाएगा। पार्टी का पूरा फोकस 24 सीटों पर है जहां जुलाई तक उपचुनाव होना है।

जाहिर है कोरोना महामारी के चलते कदम कदम पर मुश्किलें बढ़ने लगी है महत्वपूर्ण फैसलों को टाला जा रहा है। यदि लॉक डाउन का 14 अप्रैल तक ठीक से पालन नहीं किया गया तो आने वाले दिनों में और भी कठिनाइयां आ सकती है, यही कारण है की लाक डाउन को सख्ती से पालन करने के लिए लगातार कहां जा रहा है।

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