मध्य प्रदेश: चुनावी जंग में यह कैसा अमर्यादित बोल तंत्र
शिव नारायण त्रिपाठी।
शहडोल। राजनीति में विरोधियों के बीच टीका टिप्पणी, कटाक्ष, व्यंग यह अक्सर देखने सुनने को मिलता है लेकिन परस्पर विरोध के बावजूद भाषा की मर्यादा व सुचिता पर पूरा जोर दिया जाता रहा है किंतु पिछले कुछ वर्षों में राजनीति में मर्यादा में भारी गिरावट आई है। जिसकी बानगी इन दिनों मध्प प्रदेश में चल रहे उप चुनाव में खूब देखने को मिल रही है। प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ द्वारा भाजपा की महिला प्रत्याशी को लेकर की गई टिप्पणी का विवाद थमा नहीं था कि अनूपपुर विधान सभा से भाजपा प्रत्याशी बिसाहूलाल सिंह ने अपने प्रतिद्वंदी कांग्रेस प्रत्याशी विश्वनाथ सिंह की पत्नी को लेकर आपत्तिजनक बयानबाजी की। इसके बाद दोनों ही दल एक दूसरे के ऊपर अमर्यादित होने का आरोप लगाते हुए मोर्चा खोल दिए।
नेताओं के बिगड़े बोल
राजनीति में अपना वर्चस्व बनाए रखने के लिए नेता कुछ भी बयानबाजी करते रहते हैं। अमर्यादित भाषा के इस्तेमाल पर रोक लगाने की दिशा में पहल करने की बजाय केवल एक दूसरे पर तो आरोप ही लगाते हैं लेकिन खुद अमर्यादित भाषा का प्रयोग करने से नहीं बचते।