मध्य प्रदेश में जिसकी लाठी उसकी भैस
इंदौर: कांग्रेस के प्रदेशव्यापी आंदोलन के तहत कल इंदौर में भी शहर कांग्रेस ने प्रदर्शन किया । जिसको लेकर विधिवत अनुमति माँगी गयी थी लेकिन अनुमति नहीं प्रदान की गयी और कांग्रेस के नेताओ व कार्यकर्ताओं पर दमनकारी रवैया अपनाते हुए उन्हें गिरफ़्तार कर लिया गया। वही एक दिन पूर्व शहर के प्रमुख चौराहों पर भाजपा ने जनजागरण अभियान चलाया।जिसमें भाजपा कार्यकर्ताओं की भारी भीड़ चौराहों पर नियमो का उल्लंघन करती दिखी। उन पर कोई कार्यवाही नहीं की गयी। वही पूर्व विधायक सुदर्शन गुप्ता द्वारा केंद्रीय मंत्री नरेन्द्र तोमर के जन्मदिन के अवसर पर राशन बाटने के नाम पर नियमो की जमकर धज्जियाँ उड़ायी गयी और उन पर 24 घंटे बाद कांग्रेस के विरोध करने पर मामूली धाराओं में प्रकरण दर्ज किया गया। आज कांग्रेस के तीन विधायक जीतू पटवारी , संजय शुक्ला , विशाल पटेल व शहर कांग्रेस अध्यक्ष विनय बाकलीवाल जब राजवाडा पर अहिल्या प्रतिमा के समक्ष नियमो का पालन करते हुए कोरोना को लेकर जनजागरण अभियान के तहत शंतिपूर्ण ढंग से धरने पर बैठे तो प्रशासन ने सरकार के इशारे पर उन पर तत्परता दिखाते हुए प्रकरण दर्ज कर लिया।
प्रशासन की इतनी तत्परता सुदर्शन गुप्ता के आयोजन को लेकर कहाँ ग़ायब हो गयी थी ? एक दिन पूर्व हुए भाजपा के आयोजन पर प्रशासन की यह तत्परता क्यों दिखायी नहीं दी ? आज का धरना भी नियमो का पालन करते हुए दिया गया। प्रशासन की इस दोहरे मापदंड वाली दमनकारी कार्यवाही को लेकर आज 14 जून को सुबह 10.30 बजे तीनो विधायक व कांग्रेस अध्यक्ष सराफ़ा थाने पर शांतिपूर्ण ढंग से अपनी गिरफ़्तारी दिए।
देवदत्त दुबे (मध्य प्रदेश ब्यूरो प्रमुख )