पश्चिम बंगाल हिंसा पर लोकतंत्र रक्षा मंच ने जताई चिंता

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शिव नारायण त्रिपाठी।
रायपुर। पश्चिम बंगाल में विधानसभा चुनाव के बाद हुए हिंसा पर चिंता जताते हुए लोकतंत्र रक्षा मंच ने राष्ट्रपति से कड़ा निर्णय लेने की मांग की है। रायपुर प्रेस क्लब में पत्रकारों को संबोधित करते हुए परमशांति धाम से स्वामी परमात्मानंद जी, भारत सेवाश्रम संघ के सचिव स्वामी शिवरूपानंद जी, वरिष्ठ सामाजिक कार्यकर्ता बिसराराम यादव, पूर्व सांसद नंदकुमार साय, जनजाति गौरव समाज के अध्यक्ष एम. डी. ठाकुर, छत्तीसगढ़ बंग समाज कल्याण समिति के संरक्षक सुभाष राय, सामाजिक कार्यकर्ता व अस्थिरोग विशेषज्ञ डॉ. पूर्णेन्दु सक्सेना, लोकतंत्र रक्षा मंच छत्तीसगढ़ के संयोजक डॉ. राजेन्द्र दुबे आदि ने कहा कि छत्तीसगढ़ की जनता पश्चिम बंगाल में समूह विशेष पर लगातार हो रही हिंसा, लूट और हत्याओं से व्यथित है। लोकतंत्र रक्षा मंच ने राष्ट्रपति से मांग की है कि हिंसा के दोषियों पर कठोर कार्रवाई तथा पीड़ितों के साथ न्याय व उन्हें पूरी सुरक्षा प्रदान किया जाए।
मंच के संयोजक डॉ. राजेन्द्र दुबे ने पत्रकार वार्ता में कहा कि पश्चिम बंगाल में विधानसभा चुनाव के परिणाम आने के बाद हिंसा अनियंत्रित होती चली गई और वह आज भी जारी है। तमाम तथ्य इस हिंसा के लिए राज्य के सत्ताधारी पार्टी के नेताओं की ओर संकेत करते हैं। यह भी आरोप लगा है कि राज्य की सत्ताधारी पार्टी के कार्यकर्ताओं को उनके नेतृत्व का समर्थन प्राप्त है। पश्चिम बंगाल के निवासियों ने भारत के नागरिक होने के नाते लोकतांत्रिक रूप से अपने मताधिकार का उपयोग किया, लेकिन मताधिकार का लोकतांत्रिक रूप से उपयोग करने की एवज में वहाँ के निवासियों के साथ अत्याचार किया जा रहा है। इसके अतिरिक्त विपक्षी दलों, स्वयंसेवी संगठनों एवं सत्ताधारी दल के समर्थन में नहीं रहनेवाले निवासियों के साथ हिंसक घटनाएं प्रायोजित रूप से की गई हैं। विपक्षी दल भाजपा के कई कार्यकर्ताओ की हत्या की गई। विपक्षी पार्टी से जुड़े कार्यकर्ताओं के घरों एवं दुकानों में लूट व तोड़फोड़ की गई। बुर्दवान उत्तर में स्थानीय राजनीतिक कार्यकर्ताओं के साथ – साथ विपक्षी पार्टी भाजपा के कार्यालय पर बम फेंके गए। कुछ ऐसी घटनाएं भी हुई हैं जो ना केवल भारत के लोकतांत्रिक छवि को नुकसान पहुँचाती है अपितु मानवता को भी कलंकित करती है। पूर्व सांसद व अनुसूचित जनजाति आयोग के राष्ट्रीय अध्यक्ष रहे नंदकुमार साय ने कहा कि बंगाल में हो रही हिंसा को सत्तारूढ़ राजनीतिक दल का समर्थन है, प्रशासन भी मूकदर्शक है। यह हिंसा केवल भाजपा कार्यकर्ताओं के साथ नहीं बल्कि जो व्यक्ति बीते चुनाव में तृणमूल कांग्रेस का समर्थन नहीं किया, उन सबके साथ हो रही है। छत्तीसगढ़ बंग समाज के संरक्षक सुभाष राय ने कहा कि पश्चिम बंगाल से उनके कई परिचितों के फोन आ रहे हैं कि चुनाव मतदान के बाद बहुत लोग गायब हो गए हैं, जिनका कुछ पता नहीं चल पा रहा। प्रदेश के सामाजिक, धार्मिक संगठनों के प्रतिनिधियों ने छत्तीसगढ़ के नागरिकों की ओर से पश्चिम बंगाल की घटनाओं पर संज्ञान लेते हुए पीड़ितों को न्याय दिलाने एवं उनकी सुरक्षा आश्वस्त करने, हिंसा प्रभावितों के पुनर्वास की प्रक्रिया शुरू करवाने तथा बंगाल में संवैधानिक व्यवस्थाओं, संविधान एवं लोकतांत्रिक गणराज्य पर विश्वास पूर्णतः स्थापित कराने की मांग की है।


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