खामोशी से भी नेक काम होते हैं मैंने देखा है पेड़ों को छांव देते हुए

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देवदत्त दुबे
6 मार्च, भोपाल । दुनिया में बहुत से ऐसे लोग हैं जो जीवन में अच्छा काम करना चाहते हैं। लेकिन कई बार उन्हें अवसर नहीं मिलता। कोरोना महामारी ने पूरी दुनिया में कोहराम मचा दिया है। ऐसे में सबसे बड़ा नेक काम घर में रहने का है और दुर्भाग्य से ही सही यह अवसर उन सब को प्राप्त है जो बाहर जाकर कोई मदद नहीं कर सकते केवल घर में रहकर अपनी और पूरी मानव जाति की मदद कर सकते हैं।

दरअसल जिस तरह से दुनिया के संपन्न और शक्तिशाली देश कोरोना महामारी के चलते लड़खड़ा गए हैं, उससे भारत जैसे देश में बीमारी से बचाव ही एकमात्र उपाय रह गया है। अन्यथा की स्थिति में परिस्थिति कितनी भयावह हो सकती है कुछ कहा नहीं जा सकता है।

पूरे देश में मरीजों की संख्या बढ़ रही है। मध्यप्रदेश में मरीजों की संख्या ढाई सौ से ज्यादा हो गई है। प्रदेश में स्वास्थ्य विभाग के आला अधिकारियों से लेकर क्लर्क तक कोराना की चपेट में आ चुके हैं। यह विभागीय ही है जो कोरोना महामारी से निपटने के लिए दिन-रात जटा है और इस विभाग के 10 लोग प्रभावित हो चुके हैं। ऐसे में स्थिति का अंदाजा लगाया जा सकता है। मैदान में ड्यूटी करने वाले पुलिसकर्मी भी संक्रमित होने लगे हैं। अभी तक जबलपुर, भोपाल, इंदौर, उज्जैन, ग्वालियर जैसे महानगरों में कोरोना सीमित था। लेकिन धीरे-धीरे प्रदेश के अन्य अन्य जिलों मुरैना, शिवपुरी, छिंदवाड़ा, खरगोन, बड़वानी, के साथ-साथ सिरोंज जैसे कस्बे में भी पहुंच गया है।

शासन-प्रशासन कोरोना की जांच करने के लिए संसाधन तैयार कर रहा है। अस्थाई अस्पताल तैयार कर रहा है क्योंकि यदि लोगों ने लॉक डाउन का उल्लंघन किया और संक्रमित लोगों की संख्या बढ़ी, तो फिर वर्तमान अस्पताल कम पड़ जाएंगे।

कुल मिलाकर कोरोना महामारी से बचने का एकमात्र उपाय घरों में रहने में ही है और इससे बड़ा नेक काम और कुछ नहीं हो सकता इस समय। पूरे देश से जो खबरें आ रही हैं जिस तरह से नर्स और डॉक्टर अस्पतालों में मरीजों को ठीक कर रहे हैं और घर भी नहीं जा रहे हैं, पुलिस वाले भी दिन रात की ड्यूटी करते हुए घर नहीं पहुंच पा रहे हैं। यहां तक कि मध्यप्रदेश के जेलों में बंद कैदी मास्क तैयार करने में जुट गए हैं। इससे भी वे लोग सबक ले सकते हैं जो बेवजह घर से बाहर निकल कर मुश्किलें पैदा कर रहे हैं।

जब स्वास्थ्य सुविधाओं में सबसे शक्तिशाली देश भी लॉक डाउन को ही कोरोना महामारी से निपटने का एकमात्र विकल्प बता रहे हैं, तब भारत जैसे देश में बेहद जरूरी हो गया है कि केवल और केवल लॉक डाउन का पालन करें, और इस समय का सबसे बड़ा नेक काम करने का उदाहरण पेश करें।


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