लॉकडाउनः ई-लर्निंग प्लेटफॉर्म व वर्चुअल प्रयोगशालाओं से पढ़ेगा इंडिया

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डॉ. सुशील द्विवेदी

कोरोना संक्रमण रोकने के लिए लगाए गए लॉकडाउन की वजह से स्कूल जाने वाले देश के करीब 26 करोड़ छात्र अपने-अपने घरों के भीतर कैद हो गए हैं। ऐसे कठिन समय में इन छात्रों के लिए भारत सरकार के अंतर्गत एनसीईआरटी के दीक्षा, ई-पाठशाला, नेशनल रिपॉजिटरी ऑफ़ ओपन एजुकेशनल रिसोर्सेज, एनआईओएस के उच्च माध्यमिक पाठ्यक्रम, एनपीटीईएल, एनईएटी, एआईसीटीई स्टूडेंट-कॉलेज हेल्पलाइन वेबपोर्टल, एआईसीटीई ट्रेनिंग एंड लर्निंग (अटल), इग्नू कोर्स, यूजीसी एमओओसी कोर्स, शोधगंगा, शोधशुद्धि, विद्वान, ई-पीजी पाठशाला और अन्य आईसीटी पहल जैसे रोबोटिक्स एजुकेशन (ई-यंत्र), ओपन सोर्स सॉफ्टवेयर फॉर एजुकेशन (एफओएसएसईई), वर्चुअल एक्सपेरिमेंट्स (वर्चुअल लैब्स) और लर्निंग प्रोग्रामिंग (स्पोकन ट्यूटोरियल) जैसे शिक्षा पोर्टल कोरोना के नकारात्मक माहौल से बाहर निकालकर बच्चों को ऑनलाइन फ्री शिक्षा एवं वर्चुअल लैब्स के माध्यम से उससे सम्बंधित प्रयोग प्रदान करते हुए वरदान के रूप सामने आये हैं।विद्यार्थियों की रेगुलर पढ़ाई प्रभावित हुई है।

उनके रेगुलर स्टडी से संबंधित कंटेंट एवं उनसे जुड़े प्रयोग बंद हो गए हैं लेकिन ऐसी स्थिति में विद्यार्थी भारत सरकार के डिजिटल इंडिया मिशन के अन्तर्गत निर्मित वर्चुअल लैब पोर्टल और ई लर्निंग प्लेटफॉर्म की मदद से अपनी पढ़ाई जारी रख सकते हैं। वर्चुअल लैब पोर्टल का निर्माण एमएचआरडी द्वारा भारत सरकार के विभिन्न संस्थानों के संसाधनों की मदद से किया गया।

वर्चुअल लैब की मदद से प्योर साइंस व इंजीनियरिंग के स्टूडेंट्स किसी भी समय अपनी सुविधानुसार ऑनलाइन प्रैक्टिकल कर सकते हैं। टीचर्स भी क्लास में वर्चुअल लैब के माध्यम से टिपिकल टॉपिक्स पर क्लास रूम में बेहतर तरीके से टॉपिक्स को क्लीयर कर सकते हैं।वर्चुअल लैब के माध्यम से कोई भी टेक्नीकल इंस्टीच्यूट, साइंस स्ट्रीम के स्टूडेंट्स के लिए कैंपस में लैब व प्रैक्टिकल के लिए ग्लोबल लेवल का प्लेटफॉर्म करा सकता है। वर्चुअल लैब के लिए स्टूडेंट्स को www.vlab.co.in पर जाकर अपना लॉगिन बनाना होगा। लॉगिन बनने के बाद स्टूडेंट्स ऑनलाइन प्रैक्टिकल कर सकते हैं। इस पोर्टल पर कोई भी प्रैक्टिकल करेगा तो उसे टू डायमेंशनल दिखेगा। प्रैक्टिकल के बाद ग्राफ आदि के माध्यम से भी रिजल्ट दिखेगा। यह पूर्णतः फ्री सुविधा, किसी भी समय उपलब्ध रहती है। आईआईटी दिल्ली, रुड़की, कानपुर, हैदराबाद, मुम्बई, चेन्नई, खड़गपुर, गुवाहाटी, अमृता विश्वविद्यालय, दयालबाग विश्वविद्यालय, एनआईटी कर्नाटक एवं सीओई पुणे के सहयोग से यह वर्चुअल लैब तैयार किया गया है।

दीक्षा: DIKSHA (Digital Infrastructure for knowledge sharing)

इसमें पहली से 12वीं कक्षा तक के लिए सीबीएसई, एनसीईआरटी और स्टेट/यूटी की ओर से बनाई गईं अलग-अलग भाषाओं में 80 हज़ार से ज़्यादा ई-बुक्स हैं। इसका ऐप डाउनलोड किया जा सकता है। दीक्षा एप में स्कूल सिलेबस से जुड़ी साम्रगी मिलेगी। हाल ही में सीबीएसई ने भी दीक्षा एप पर ई-कंटेंट भी लांच किया है। छठी से दसवीं तक के विद्यार्थियों को अलग-अलग ई-कंटेंट के जरिये पढ़ाई में मदद मिलेगी। साथ ही सातवीं से दसवीं तक के बच्चों के लिए क्रिएटिव और क्रिटिकल थिंकिंग डेवलप करने के लिए प्रश्न बैंक भी इसमें उपलब्ध है।

ई-पाठशाला: http://epathshala.nic.in/

इस वेब पोर्टल और मोबाइल एप पर कक्षा पहली से 12वीं तक के लिए एनसीईआरटी ने अलग-अलग भाषाओं में 1886 ऑडियो, 2000 वीडियो, 696 ई-बुक्स और 504 फ्लिप बुक्स उपलब्ध कराए हैं।

नेशनल डिजिटल लाइब्रेरी ऑफ़ इंडिया –(https://ndl.iitkgp.ac.in/)

भारतीय भाषाओं एवं अंग्रेजी की पुस्तकों को ऑनलाइन उपलब्ध कराने का एक प्रकल्प है। यह भारतीय विज्ञान संस्थान द्वारा क्रियान्वित है तथा इसमें ‘मिलियन बुक प्रोजेक्ट’ भी सहभागी है।
नेशनल रिपोसिटरी ऑफ ओपन एजुकेशनल रिसोर्सेस (NROER)इस पोर्टल में कुल 14527 फाइल्स हैं, जिसमें अलग-अलग भाषाओं में ऑडियो, वीडियो, डॉक्यूमेंट, तस्वीरें, इंटरेक्टिव शामिल हैं।

स्वयं: SWAYAM (Study Webs of Active–Learning for Young Aspiring Minds) https://swayam.gov.in/

ये नेशनल ऑनलाइन एजुकेशन प्लेटफॉर्म है। जिसमें 11वीं-12वीं कक्षा और अंडर ग्रेजुएट-पोस्ट ग्रेजुएट दोनों ही तरह के छात्रों के लिए सभी विषयों में 1900 कोर्स हैं।

एनसीईआरटी पाठ्यक्रम पुस्तकें- http://ncert.nic.in/ebooks.html

राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद् द्वारा कक्षा एक से कक्षा बारह तक के हिंदी एवं अंग्रेजी माध्यम के विद्यार्थियों के लिए निःशुल्क पुस्तकें इ बुक्स के रूप में उपलब्ध करायी गयी हैं। कोई भी इन्हें निःशुल्क डाउनलोड कर अध्ययन कर सकता है।

एनपीटीईएल-( https://onlinecourses.nptel.ac.in.)नेशनल प्रोग्राम ऑन टेक्नोलॉजी एन्हांस्ड लर्निंग, भारत सरकार का यह प्रोग्राम 2007 से चल रहा है। आईआईटी के प्रोफेसर एवं इंडियन इस्टीट्यूट ऑफ साइंस बेंगलुरू के प्रोफसरों ने मिलकर इसके तहत कई ऑनलाइन कोर्स तैयार किए हैं। अंग्रेज़ी से लेकर एविएशन तक का कोर्स यहां से किया जा सकता है। एक से एक धुरंधर प्रोफेसरों के लेक्चरों को यू-ट्यूब से डाउनलोड कर सकते हैं। आप चाहें तो इम्तिहान देकर सर्टिफिकेट भी हासिल कर सकते हैं। आईआईटी मद्रास इसका सेंटर है, वहीं से इस कार्यक्रम को संचालित किया जाता है। NPTEL ने विद्यार्थियों की सुविधा हेतु 875 से भी ज्यादा कोर्सेज तैयार कर रखे हैं।

ई-पीजी पाठशाला https://epgp.inflibnet.ac.in/यूनिवर्सिटी ग्रांट्स कमीशन (यूजीसी) ने स्टूडेंट्स के लिए पोस्ट ग्रेजुएशन के किसी भी कोर्स संबंधी कोई टॉपिक पढ़ने हेतु ई पीजी पाठशाला शुरू की है। विद्यार्थियों को सारे कंटेंट एक क्लिक पर बिना किसी तामझाम के उपलब्ध होंगे। जिनके पास नोट्स नहीं हैं या फिर टीचर नहीं हैं, ऐसे स्टूडेंट्स रिवाइज्ड सिलेबस (करेंट के एकार्डिग) पर बेस संबंधित कोर्स के टॉपिक को ई पीजी पाठशाला पर ऑनलाइन पढ़ सकते हैं। पाठशाला ने पोस्ट ग्रेजुएशन कोर्स के 77 विषयों का कंटेंट तैयार और जेनरेट किया है।

स्वयंप्रभा डीटीएचऑनलाइन शिक्षा लेने के लिए विद्यार्थियों के पास लैपटॉप, डेस्कटॉप, स्मार्ट टीवी या स्मार्टफोन, हाई इंटरनेट कनेक्शन, वेब कैमरा, माइक होना चाहिए। गरीब बच्चों के लिए ये सारा सामान अभी भी एक सपना हो सकता है, उनके पास स्मार्टफोन या लैपटॉप न हो। इंटरनेट की सुविधा न हो और वो इन उपकरणों को ठीक से इस्तेमाल करना न जानते हों। लेकिन उनके पास अगर डीटीएच फ्री एयर टीवी है तो वे स्वयं प्रभा डीटीएच चैनल से अपनी शिक्षा जारी रख सकते हैं। स्वयंप्रभा डीटीएच सेवा भारत सरकार के द्वारा डिजिटल इंडिया के अंतर्गत सभी छात्र-छात्राओं को शिक्षा प्रदान करने का प्लेटफ़ॉर्म है, इसे MHRD और AICTE ने भी संयुक्त रूप से स्वयंप्रभा के अंतर्गत ‘Direct-to-home’ 32 TV channel service है, जहाँ SWAYAM के सभी courses के video tutorials TV पर प्रसारित किये जाते है| यह channels केवल DD फ्री डिश और DISH टीवी पर ही उपलब्ध है। इसकी मदद से छात्र ज्ञान अर्जन के साथ ही अपनी प्रोडक्टिविटी और क्रिएटिविटी को भी बढ़ा सकते हैं।

(लेखक विज्ञान संचारक हैं जो लॉकडाउन शुरू होने से लेकर अबतक कई ऑनलाइन वेबिनार आयोजित कर चुके हैं।)


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