अब कचरे के ढेर में नहीं खोएगी जिंदगी
शिव नारायण त्रिपाठी।
रायपुर। हमेशा कूड़े-कचरे के ढेर में कुछ-कुछ सामान तलाशते-तलाशते अपनी दो जून की रोटी का जुगाड़ करना जिन महिलाओं की नियति बन गई थी अब वह सम्मान के साथ अपनी जिंदगी जी रही हैं ।
दरअसल एक दिन प्रदेश के मुख्य सचिव आर पी मण्डल राजधानी रायपुर के व्हीआईपी चौक से गुजर रहे थे, तब उनकी नजर कचरे के ढ़ेर में सामान तलाशती महिलाओं पर पड़ी। कुछ महिलाएं अपने साथ बच्चे भी ली हुई थीं। उन्होंने अपनी कार रोककर उतरे और कचरा बीनने वाली उन महिलाओं को अपने पास बुलाया, उनके बारे में पूछा । मुख्य सचिव श्री मण्डल ने उन महिलाओं को बताया कि राज्य शासन द्वारा आपके कल्याण के लिए योजना चलाई जा रही है। कब तक ऐसे ही कचरों में अपनी जिंदगी गुजारती रहोगी ? काम सीखों और आत्म सम्मान के साथ जीना सीखों। इसके कुछ दिन बाद ही नगरीय प्रशासन विकास और श्रम मंत्री डाॅ शिवकुमार डहरिया ने कचरा बीनने वाली महिलाओं से उनकी बस्ती के पास मुलाकात की। उन्होंने श्रम विभाग की योजना से जोड़ते हुए कचरा उठाने वाली श्रीमती गौरी यादव, सुजाता साहू सहित कई महिलाओं को सिलाई मशीन सहित अन्य जरूरत के सामान दिए। उन्होंने इन कचरा बीनने वाली महिलाओं को श्रम विभाग की योजना से जोड़ते हुए इन्हें नुकसान से बचाने अपने ही हाथों से सभी को घर खर्च के लिए चेक भी दिए और सभी को सिलाई-कढ़ाई का अच्छे से प्रशिक्षण प्राप्त कर स्वरोजगार अपनाते हुए आत्मनिर्भर बनने और आत्मसम्मान के साथ जीने की सीख दी। आज लगभग दो महीने बाद गौरी, सुजाता सहित अन्य कई महिलाओं की परिस्थितियां बहुत बदल गई है। इनके हाथों में किसी के फेंके हुए कचरों के ढेर में समाई गंदगी नहीं बल्कि स्वच्छता और बीमारी से बचने का संदेश देने वाले हाथों से बनाएं मास्क, महिलाओं को सम्मान से जोड़ने वाला सलवार शूट, ब्लाऊज के परिधान के रुप में एक ऐसा हुनर भी है जो साफ-सुथरी भी है और धारण करने के योग्य है ।