लंभुआ विधायक के करीबी पर मंदिर की जमीन कब्जा करने का आरोप

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लम्भुआ सुल्तानपुर

सुल्तानपुर के लंभुआ विधानसभा क्षेत्र से विधायक देवमणि द्विवेदी के करीबी शिवगढ़ निवासी प्रदीप दुबे पर पुलिस की मिलीभगत से पुराने मंदिर की जमीन कब्जा करने का आरोप लग रहा है सुल्तानपुर जिला अधिकारी के द्वारा जनता शिकायत में यह मामला सामने आया है जिसमें जिला अधिकारी ने पुलिस अधीक्षक को सख्त से सख्त कार्यवाही करने को भी कहा है मामले में उप जिला अधिकारी का आदेश होने के बावजूद थाने के द्वारा कार्यवाही ना करना आम लोगों में चर्चा का विषय बना हुआ है। लम्भुआ तहसील अंतर्गत राजस्व ग्राम शिवगढ़ में स्थित पुराने जीर्ण शीर्ण राम जानकी मंदिर की जमीन पर गाँव के ही कुछ भूमाफियाओं की नजर लग गयी फिर क्या था उस जमीन पर रातोंरात कई ट्रैक्टर ट्राली मिट्टी गिराकर मंदिर के पुराने स्वरूप को नष्ट करने का प्रयास किया गया इसी बीच गाँव के कुछ आस्तिक व्यक्तियों ने इसकी शिकायत स्थानीय तहसील प्रशासन से की गयी तहसीलदार द्वारा की गयी जाँच में शिकायत सही पाए जाने के बाद उपजिलाधिकारी लम्भुआ ने थाना प्रभारी लम्भुआ को आदेशित किया कि उक्त जमीन पर किसी तरह का अबैध कब्जा होने से रोका जाए।मालूम हो कि थाना व तहसील लम्भुआ के राजस्व ग्राम शिवगढ़ के आबादी श्रीणी 6(2) के राजस्व अभिलेख में अंकित है इस जमीन पर सैकड़ों वर्ष पुराना जीर्ण शीर्ण राम जानकी मंदिर है जिसका जीर्णोद्धार गाँव के ही अरबिंद सिंह,बिरजेन्द्र ,व शिवम तथा अन्य ग्रामीणों द्वारा करवाया जाना था उक्त लोगो ने एक शिकायती पत्र 8जून 2019 को उपजिलाधिकारी लम्भुआ को सौपा था उपजिलाधिकारी द्वारा इस मामले की जाँच स्थानीय राजस्व टीम द्वारा करवायी गयी जाँच रिपोर्ट में उक्त जमीन पर पुराना राम जानकी मंदिर होना साबित हुआ मातहतों की रिपोर्ट को देखते हुए तत्कालीन उपजिलाधिकारी ने थाना लम्भुआ को निर्देशित किया किया कि उक्त जमीन पर किसी प्रकार अबैध निर्माण न हो ।उक्त जमीनपर 14 सितंबर को उसी गाँव के कमला दुबे, राम पियारे दुबे,शारदा दुबे व प्रदीप दुबे द्वारा कई ट्रैक्टर ट्राली मिट्टी गिरा कर कब्जा किया जा है जिसकी शिकायत गाँव के ही अरविंद कुमार सिंह, तारकेश्वर सिंह,बृजेन्द्र सिंह व अन्य द्वारा थाना लंभुआ में की गयी व थाना अध्यक्ष को उपजिलाधिकारी के पूर्ब आदेश से अबगत कराया गया।मामले में जिला अधिकारी के द्वारा स्पष्ट रूप से पुलिस अधीक्षक को कार्यवाही हेतु कहा गया परंतु अभी तक कोई कार्यवाही ना होना पुलिस प्रशासन पर बड़ा प्रश्न चिन्ह खड़ा करता है।


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