राज्य सरकारों की चिंता बढ़ी: अभी भी मजदूर सरकार से नजरे छुपाते बिना स्क्रीनिंग कर अपने मंजिल पहुंच रहे है
गोरखपुर, 03 मई । बड़हलगंज के पटना घाट चौराहे पर शनिवार को भी हजारों की संख्या में प्रवासी मजदूर ट्रकों से पहुँच गए। यह देख जिला प्रशासन का हाथपांव फूल गया। जिला की सीमा पर पहुँचने वालों में कुछ पैदल चलकर ही पहुंचे थे।
हालात यह थी कि बसों के अभाव में इन्हें ट्रकों में सवार होकर अपने-अपने जिलों के लिए रवाना होने की इजाजत दे दी गयी। बताया जा रहा है कि अधिकांश मजदूर बिना थर्मल स्क्रीनिंग कराए ही गंतव्य को निकल गए। हालांकि, सीमा पर तैनात सुरक्षा कर्मियों ने उन्हें रोक लिया और स्वास्थ्य कर्मियों ने उनका परीक्षण भी किया। बावजूद इसके अधिकांश ने थर्मल स्क्रीनिंग नही कराई और आगे निकल गए।
चिकित्सा अधीक्षक डॉ. बीके राय की मानें तो स्वास्थ्य विभाग की टीम ने 800 लोगों की थर्मल स्क्रीनिंग की है। इस दौरान वहां तैनात पुलिसकर्मियों ने मजदूरों को सोशल डिस्टेंसिंग का अनुपालन कराया। इसी तरह उन्हें नेशनल पीजी कॉलेज में बनाए गए क्वारंटीन सेंटर में पहुंचाया। क्वारन्टीन सेंटर पहुंचे मजदूरों को सैनेटाइज करने के बाद भोजन कराया गया।
ली गई जानकारियांक्वारन्टीन सेंटर में मजदूरों से राजस्व विभाग की टीम ने उनसे संबंधित सभी जानकारी लीं और उन्हें सिलसिलेवार अपने रजिस्टर में दर्ज किया।
बसों के अभाव में ट्रकों से भेजासारी जानकारियां इकट्ठा करने के बाद मजदूरों को वहां से जाने की इजाजत दी गई। बताया जा रहा है कि बसों का अभाव था, उस वजह से उन्हें ट्रकों पर ही गंतव्य तक जाने की इजाजत दे दी गई।
उड़ी सोशल डिस्टेंसिंग की धज्जियां
मजदूरों को ट्रकों में बैठते समय सोशल डिस्टेंसिंग की जमकर धज्जियां उड़ीं। एक-दूसरे को पछाड़ने की कोशिश करते हुए मजदूर ट्रकों पर सवार हुए और महराजगंज, देवरिया, कुशीनगर, बिहार, गोरखपुर, बस्ती और सिद्धार्थनगर के लिए यहां से रवाना हो गए। बताया जा रहा है कि अधिकांश मजदूर लम्बी कतार देख उकता गए थे और बिना थर्मल स्क्रीनिंग कराए ही ट्रकों पर सवार होकर अपने-अपने जिलों के लिए निकल गए।