क्या अजय प्रताप सिंह “पिंटू” और सोनू, मोनू से डर गये है पूर्व मंत्री विनोद ?

Share:

करीब 2 माह पहले गोरखपुर फैजाबाद स्नातक निर्वाचन क्षेत्र से विधान परिषद सदस्य देवेंद्र प्रताप सिंह ने उत्तर प्रदेश में बहुजन समाज पार्टी की सरकार के दौरान पर्यटन मंत्री रह चुके और अब भारतीय जनता पार्टी की सदस्यता ग्रहण कर चुके सुल्तानपुर के विनोद सिंह के ही एक पत्र का जवाब देते हुए कुछ नसीहतों के साथ उनके राजनीति करने के तौर तरीके पर भी  प्रश्न उठाए थे, कटाक्ष करते हुए उन्होंने लिखा था कि ऐसी कौन सी परिस्थिति आ गई थी कि आप जैसा संत महात्मा सुल्तानपुर के लोकप्रिय और युवा नेता चंद्र भद्र सिंह और यश भद्र सिंह  दो भाइयों के हत्या की सुपारी देने के लिए मुन्ना बजरंगी से जेल में मिलने के लिए गया था? यह कौन सा तरीका है ?इसके साथ ही लंभुआ विधानसभा क्षेत्र के गारापुर के अजय प्रताप सिंह उर्फ पिंटू सिंह के पीछे लंबे समय से विनोद सिंह द्वारा पीछे पड़े होने का आरोप लगाते हुए उन्होंने लिखा कि एक लंबे समय तक जब पिंटू सिंह आपके साथ रहे  एक एक गांव और एक एक  क्षेत्र में आपको वोट दिलाते रहे और आप के मंत्री बनने में बड़ी भूमिका निभाई तब वह बहुत अच्छे हुआ करते थे आज आप के साथ यदि वह लोग नहीं खड़े हैं तो वह बुरे कैसे हो गए ? देवेंद्र प्रताप सिंह ने आगे लिखा कि विनोद जी अहंकार मनुष्य का सबसे बड़ा शत्रु होता है इसीलिए आप अपने सबसे बड़े शत्रु हैं। देवेंद्र प्रताप सिंह ने यह पत्र विनोद सिंह को उनके उस पत्र के जवाब में लिखा था जिसमें विनोद सिंह ने देवेंद्र प्रताप सिंह को पत्र लिखकर के कहा था कि आप चंद्र भद्र सिंह और यश भद्र सिंह के संरक्षण कर्ता है और आप हमेशा गारा पुर के अजय प्रताप सिंह उर्फ पिंटू सिंह को बचाते रहते हैं इसके साथ ही विनोद सिंह ने ग्राम प्रधान रहते हुए पिंटू सिंह के ऊपर लूट खसोट का आरोप भी लगाया और पिंटू सिंह के ऊपर अपने इलाके में खौफ का साम्राज्य स्थापित करने की बात भी पत्र में कही थी। इसके जवाब में देवेंद्र प्रताप सिंह ने लिखा था की अजय प्रताप सिंह उर्फ पिंटू सिंह के परिवार में 20 वर्षों से लगातार ग्राम प्रधानी है और वर्तमान परिस्थिति में कोई भी व्यक्ति बिना समाज सेवा और जनता के सुख-दुख का भागीदार हुए बिना लंबे समय तक ग्राम प्रधान नहीं रह सकता है। 20 वर्षों से लगातार ग्राम प्रधान रहने का कारण उनके परिवार के द्वारा लोगों को प्रति सेवा और निष्ठा का भाव ही है इसके साथ ही देवेंद्र प्रताप सिंह ने स्पष्ट रूप से विनोद सिंह से कहा कि जब अजय प्रताप सिंह आपके साथ थे तब दूध के धुले थे और आज अपराधी हो गए। हालांकि दोनों लोगों के पत्र में तारीख नहीं पड़ी थी परंतु विधान परिषद सदस्य देवेंद्र प्रताप सिंह के कार्यालय के द्वारा यह स्पष्ट किया गया कि उनको पूर्व मंत्री विनोद सिंह के कार्यालय के द्वारा पत्र मिला था और देवेंद्र प्रताप सिंह के द्वारा जारी किया गया पत्र उन्हीं का है लखनऊ के राजनीतिक गलियारों में देवेंद्र प्रताप सिंह को बहुत ईमानदार राजनेताओं की तरह देखा जाता है और सत्य कहने की उनकी आदत के चलते लोग उनका बहुत सम्मान करते हैं हाल ही के दिनों में उनका एक पत्र वायरल हुआ था जिसमें उन्होंने उत्तर प्रदेश के नौकरशाहों के ऊपर प्रश्न उठाया था और राजनेताओं और छोटे कर्मचारियों की तरह ही सचिव स्तर के और जिले के अधिकारियों को कोरोनावायरस में अपना वेतन दान करने की बात कही थी ।

अजय प्रताप सिंह उर्फ पिंटू का  विनोद सिंह पर आरोप

सुल्तानपुर जिले के लंभुआ विधानसभा क्षेत्र के गारापुर गांव के  अजय प्रताप सिंह उर्फ पिंटू सिंह अपने घर में 20 मई की रात सो रहे थे रात के 3:00 बजे उनके घर का दरवाजा खुलवा कर पुलिस ने उन्हें यह कह कर गिरफ्तार कर लिया कि आपके पति और पत्नी के बीच में कोई विवाद हुआ है और उन्हें पुलिस थाने ले जाया गया बाद में उनको छोड़ दिया गया। इसके पहले से उनके विद्यालयों की जांच के नाम पर उनका लगातार उत्पीड़न किया जा रहा है। पिंटू सिंह ने आरोप लगाया है कि चंद्र भद्र सिंह उर्फ सोनू सिंह का लोकसभा चुनाव में साथ देने के कारण उनको और उनके परिवार को विनोद सिंह के इशारे पर सरकारी मशीनरी के  द्वारा लगातार निशाना बनाया जा रहा है। यहां तक कि चंद्र भद्र सिंह उर्फ सोनू सिंह की मदद करने के कारण ही संजय मेनका गांधी ने विनोद सिंह के कहने पर ही सुल्तानपुर के तत्कालीन बेसिक शिक्षा अधिकारी कौस्तुभ कुमार सिंह को बुलाया और वरिष्ठ लिपिक अजय प्रताप सिंह उर्फ पिंटू सिंह को बर्खास्त करने को कहा परंतु कौस्तुभ कुमार सिंह ने सरकारी और तकनीकी कमियों के कारण ऐसा करने से इंकार कर दिया तत्पश्चात कौस्तुभ कुमार सिंह को ही सुल्तानपुर से विदा हो जाना पड़ा इस तरह की घटनाएं स्पष्ट करती हैं कि किस तरह से सुल्तानपुर की राजनीति में अजय प्रताप सिंह उर्फ पिंटू लगातार सत्ताधारी लोगों की आंखों की किरकिरी बने हुए हैं। परंतु इस तरह की घटनाओं से बेपरवाह पिंटू सिंह के भाई जितेंद्र सिंह बबलू ने बताया कि हम और हमारा परिवार किसी से डरने वाले नहीं हैं हम लोग समाज सेवा और संघर्ष के बल पर यहां तक पहुंचे हैं इसके अलावा आम जनता के लिए संघर्ष करते हुए  हम लोग किसी भी हद तक जाने को तैयार है। उन्होंने कहा कि जो उड़ते हैं आसमानों पर , उन्हें जमीन पर आने में वक्त नहीं लगता। हर तरह का वक्त आता है जिंदगी में। वक्त के गुजरने में वक्त नहीं लगता।।
 उन्होंने कहा कि पूर्व मंत्री विनोद सिंह के द्वारा हमारे भाई के ऊपर आधा दर्जन मुकदमे लाद दिए गए थे परंतु सब समाप्त हो गए क्योंकि “सत्य परेशान हो सकता है पराजित नहीं” उन्होंने कहा कि जनपद सुलतानपुर में पूर्व मंत्री विनोद सिंह 20 से अधिक राजपूत प्रधानों को लक्ष्य बनाकर उनको परेशान करने का साजिश रच रहे हैं ताकि यह सारे लोग चंद्र भद्र सिंह का साथ छोड़ दें। परंतु राणा प्रताप के वंशज झुकने वाले नहीं हैं,एक अन्य व्यक्ति ने नाम ना छापने की शर्त पर बताया कि अजय प्रताप सिंह पिंटू डिग्री कॉलेज के मालिक हैं सम्मानित व्यक्तित्व है और उत्तर प्रदेश के पूर्व राज्यपाल राम नाईक के द्वारा शिक्षा में उत्कृष्ट योगदान हेतु सम्मानित भी किए जा चुके हैं। परंतु पूर्व मंत्री के द्वारा उनकी छवि को धूमिल करने का प्रयास किया जा रहा है ताकि उनको अपराधी साबित किया जा सके।

क्या है मामला

सुल्तानपुर की राजनीति में भद्र परिवार और विनोद सिंह के बीच विवाद में अजय प्रताप सिंह पिंटू सिंह लगातार पिस रहे हैं पूर्व मंत्री विनोद सिंह जो राजपूत समुदाय से आते हैं और बहुजन समाज पार्टी की सरकार के दौरान उत्तर प्रदेश सरकार में पर्यटन मंत्री रह चुके हैं वहीं पर भद्र परिवार के चंद्र भद्र सिंह “सोनू”और यश भद्र सिंह “मोनू”एक सम्मानित राजपूत परिवार से ताल्लुक रखते हैं इनके पिता इंद्र भद्र सिंह को सुल्तानपुर की राजनीति में उनकी हैसियत देखते हुए “इसौली का गौरव”  कहा जाता था। सुल्तानपुर के राजनीति में समझ रखने वाले लोग कहते हैं कि विनोद सिंह कभी भी भद्र परिवार को आगे बढ़ते हुए देखना नहीं चाहते हैं क्योंकि “भद्र परिवार के मजबूत होने का तात्पर्य है  विनोद सिंह का कमजोर होना” शायद यही कारण था कि उन्होंने 2019 के लोकसभा चुनाव के दौरान भारतीय जनता पार्टी की उम्मीदवार संजय मेनका गांधी के खिलाफ गठबंधन की तरफ  से चुनाव लड़ रहे चंद्र भद्र सिंह “सोनू” को हराने के लिए भारतीय जनता पार्टी का दामन थाम लिया विनोद सिंह की स्पष्ट नीति थी की किसी भी परिस्थिति में भद्र परिवार का कोई भी सदस्य लोकसभा ना पहुंच सके और वह अपने मकसद में सफल भी हुए। इस चुनाव में चंद्र भद्र सिंह ने संजय मेनका गांधी को कड़ी टक्कर दी और सोनू सिंह के जनाधार को देखकर भविष्य में सुल्तानपुर की राजनीति स्पष्ट हो गई ।लोग कहते हैं कि सुल्तानपुर के राजपूत वोटरों पर विनोद सिंह की पकड़ उतनी मजबूत नहीं है जितनी की भद्र भाइयों की।  भले ही राजपूतों का एक बड़ा वर्ग भारतीय जनता पार्टी के प्रति अपनी निष्ठा रखता हो परंतु सुल्तानपुर के क्षत्रियों के बीच विनोद सिंह का वह स्थान नहीं है जो स्थान भद्र भाइयों का है।चंद्र भद्र सिंह और यश भद्र सिंह के बारे में कहा जाता है कि यह लोग अपने साथियों की मदद किसी भी कीमत पर करते हैं इसके अलावा सुल्तानपुर के रॉबिनहुड कहे जाने वाले दोनों भाई सत्ता में ना रहते हुए भी लोगों की मदद करते रहते हैं और बाहुबली कहे जाते हैं ।दूसरी तरफ अजय प्रताप सिंह पिंटू सुल्तानपुर की राजनीति में एक उभरता हुआ सितारा है जिसके घर में लगभग 20 वर्षों से ग्राम प्रधानी है इसके अलावा सुल्तानपुर के तमाम ग्राम प्रधान और जिला पंचायत सदस्य के साथ साथ क्षेत्र पंचायत सदस्य भी पिंटू सिंह के संपर्क में रहते हैं, एक समय ऐसा था जब बहुजन समाज पार्टी की सरकार के दौरान विनोद सिंह मंत्री हुआ करते थे और पिंटू सिंह उनके साथ हुआ करते थे उसका कारण आम आदमी के साथ-साथ ग्रामस्तर, विकासखंड और जिला पंचायत स्तर के प्रतिनिधियों के साथ पिंटू सिंह का जबरदस्त सामंजस्य था इसका लाभ विनोद सिंह ने बहुत अच्छी तरह से उठाया समय बदला और विनोद सिंह ना तो मंत्री रह गए ना ही विधायक। इसके बावजूद पिंटू सिंह ने स्वयं विनोद सिंह का साथ नहीं छोड़ा । आज पिंटू सिंह को लंभुआ विधानसभा क्षेत्र का एक बहुत बड़ा वर्ग भावी विधायक के तौर पर देख रहा है विनोद सिंह की परेशानी का सबसे बड़ा कारण यही है। लोकसभा के चुनाव में अजय प्रताप सिंह पिंटू ने कई ग्राम प्रधानों क्षेत्र पंचायत सदस्य और जिला पंचायत सदस्यों के साथ मिलकर के चंद्र भद्र सिंह का साथ दिया और नरेंद्र मोदी की भयंकर लहर के बावजूद सुल्तानपुर के चुनाव में संजय मेनका गांधी चुनाव हारते हारते बची संजय मेनका गांधी भले ही चुनाव जीत गई परंतु विनोद सिंह को यह आभास हो गया कि अजय प्रताप सिंह उर्फ पिंटू सिंह के मजबूत रहते हम लंभुआ के विधायक नहीं बन सकते हैं वह भी उस परिस्थिति में जब भारतीय जनता पार्टी के वर्तमान लंभुआ  विधायक देवमणि दुबे को अमित शाह का करीबी कहा जाता हो। दूसरी तरफ विनोद सिंह के बारे में कहा जाता है कि सरकार बदलने के बाद उनकी निष्ठा बदल जाती है शायद इसीलिए वह आज अपने राजनीतिक अवसान पर हैं।

सौरभ सिंह सोमवंशी  (पत्रकार) मो० 9696110069

ईमेल: saurabh96961100@gmail.com


Share:

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *