ना जाने किस भेष में संक्रमित मिल जाए?

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अब तक कहा जाता था ना जाने किस भेष में ईश्वर मिल जाए इसी तरह अब यह भी जोड़ लीजिये ना जाने किस भेष में संक्रमित मिल जाए इसीलिए शासन प्रशासन सकती कर रहे है । आप सड़क पर निकलकर संक्रमित ना हो जाएं वैसे तो यह प्रत्येक नागरिक का कर्तव्य है जो जियो और जीने दो में विश्वास रखता हो । कि वह हर हाल में घर के अंदर ही रहे जिससे आप स्वयं भी सुरक्षित रहेंगे और परिवार मित्र जनों को भी सुरक्षित रख पाएंगे ।

सोचा जाए तो उन लोगों की तुलना में कितना सरल काम है जो लोग माइनस टेंपरेचर(कड़ाके की ठण्ड) में सैनिकों अपने देश की सीमा पर तैनात रहते हैं । उनको भी पता नहीं होता है की कब क्या हो जाए कुछ भी नहीं कहा जा सकता । महीनों वर्षों तक इनके परिवार वाले ऐसे नहीं मिल पाते है । दूसरे अभी हम उन लोगों को भी देख रहे हैं जो डॉक्टर और नर्स के रूप में संक्रमित व्यक्तियों का इलाज कर रहे हैं । उन पुलिसवालों को भी देख रहे जो सड़क पर हमारी रक्षा कर रहे हैं और मददगारओ को भी देख रहे हैं जो गरीबों के लिए भोजन पहुंचाने कि व्यवस्था कर रहे हैं । ऐसे और भी लाखों लोग हैं जो अपनी जिंदगी दांव पर लगाकर हमारी जिंदगी बचा रहे हैं और हम केवल घर पर रहकर ही परिवार समाज और देश को बचा सकते हैं । सोचो यह कौन सा कठिन काम बाकी लोगों की तुलना में लेकिन इसमें भी यदि हम लापरवाही कर रहे हैं तो फिर हमें कौन माफ करेगा । प्रधानमंत्री से लेकर मुख्यमंत्री और सभी अधिकारी कर्मचारी समाजसेवी दिन रात इस महामारी से निपटने के लिए प्रयास कर रहे हैं इसमें केवल हमें अपने घर पर रहकर मदद करना है ।

राजधानी भोपाल में पत्रकारों के बीच उस समय हड़कंप मच गया, जब पता चला की मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देने के लिए कमलनाथ ने जो पत्रकार वार्ता सीएम हाउस में बुलाई थी उसमें मौजूद एक पत्रकार को कोरोनावायरस पॉजिटिव पाया गया है पत्रकार एक दूसरे को फोन लगाकर कंफर्म करने लगे कुछ पत्रकार अस्पताल में चेक कराने भी पहुंच गए लेकिन डॉक्टरों ने उन्हें सलाह दी जब तक कोई लक्षण समझ में ना आए तब तक टेस्ट सही ढंग से नहीं हो पाता है । लेकिन स्वयं पीड़ित पत्रकार को भी पता नहीं था कि वह संक्रमित है और ना ही किसी पत्रकार को पता था की कि यह संक्रमित हैं ऐसे में मुख्यमंत्री निवास और विधानसभा में यह पत्रकार किन-किन से मिले होंगे और कौन-कौन सा संक्रमित हुआ होगा यह अभी कहा नहीं जा सकता । ऐसा ही उन लोगों के साथ भी हो सकता है जो घरों में रहने की बजाय बाहर निकल रहे हैं क्योंकि किसी को नहीं पता कि कौन संक्रमित है और वह किस किसको संक्रमित कर चुका है और किस-किस को करेगा हालांकि पत्रकार के मामले में अभी तक यह संतोषजनक स्थिति है कि उनके निकट के लोगों में से जिसमें पत्नी और बेटा भी शामिल है उनकी रिपोर्ट नेगेटिव आई है ।कुल मिलाकर ऐसी अनेकों घटनाएं जब अनजाने में ही व्यक्ति मुसीबत मोल ले रहा है जबकि मालूम है इस वायरस को रोकने की कोई दवा भी उपलब्ध नहीं है केवल बचाव ही उपाय है और बचाव केवल घर के अंदर रहने में हैं यही समझदारी है और इसी में जीवन सुरक्षित है सो हम सब यही करें केवल और केवल घर पर ही रहे।


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