प्ले स्कूल से भी बदतर है जेपीएससी की स्थिति और व्यवस्था : संजय सेठ

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डॉ अजय ओझा।

जेपीएससी के कर्णधारों ने देशभर में राज्य की छवि खराब की है : संजय सेठ।

रांची, 25 जनवरी। झारखंड में जेपीएससी की परीक्षा को लेकर माननीय उच्च न्यायालय की टिप्पणी और निर्णय झारखंड के चिंतनीय और दयनीय स्थिति को बताने वाला है। बेहद दुर्भाग्यपूर्ण बात है की जेपीएससी जैसी संस्था ने देश भर में पूरे राज्य का नाम खराब किया है। उक्त बातें रांची के सांसद श्री संजय सेठ ने कही। उन्होंने कहा कि आखिर यह कैसे संभव है कि जिन अभ्यर्थियों की ओएमआर शीट ही नहीं थी, वो भी पास कर गए। बाद में उनके परीक्षा और परिणाम को रद्द किया गया। यह कैसी लापरवाही का नमूना है। ऐसी लापरवाही तो बच्चों के प्ले स्कूल में भी नहीं होती। फिर जेपीएससी जैसी संस्था के द्वारा यह लापरवाही बताती है कि यह लापरवाही नहीं है। यह गहरी साजिश है।

सांसद श्री सेठ ने कहा कि माननीय उच्च न्यायालय के द्वारा जेपीएससी की परीक्षा पर रोक लगाया जाना, उन सभी अभ्यर्थियों के साथ न्याय पूर्ण कार्रवाई है, जो इतने दिनों से आंदोलन कर रहे थे और सरकार के कानों में जूं नहीं रेंग रही थी।

जेपीएससी जैसी संवैधानिक संस्था यदि इस तरह की असंवैधानिक हरकत करें तो निश्चित रूप से इसके कर्णधारों पर भी कार्रवाई होनी चाहिए। सांसद ने सरकार से आग्रह किया है कि उच्च न्यायालय की टिप्पणी को मानते हुए जेपीएससी की परीक्षा को रद्द किया जाए और पुनः साफ-सुथरी परीक्षा ली जाए। पारदर्शिता के साथ परिणाम घोषित हो ताकि झारखंड के विद्यार्थियों का भविष्य सुरक्षित रहे।


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