जिला प्रशासन का मूर्ति विसर्जन का निर्णय अंधावा के तालाब मे गलत: बंगाली वेल्फेयर एसोसिएशन

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जयति भट्टाचार्य

प्रयागराज। जिला प्रशासन ने पिछले वर्ष अंधावा में स्तिथ गंदे तालाब में दुर्गा पूजा के मूर्तियों के विसर्जन करके एक प्राकृतिक तलाब को प्रदूषण करने का काम किया था। सूत्रों के अनुसार उक्त तलाव में मत्स्य पालन किया जाता है।

प्रशासन ने पिछले वर्ष एक तरफा निर्णय लेकर ना केवल अंधावा के तलाव में प्रदूषण फैलाने का कार्य किया था बल्कि साथ में सी.पी.सी. बी के निर्धारित गाइडलाइंस को तोड़ने का काम किया था। यह बताना जरूरी है कि इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने 2014 और 2015 के दो जनहित याचिका में जिला प्रशासन को मूर्ति विसर्जन के मामले में सी.पी.सी.बी गाइडलाइंस के तहत विसर्जन कराने का आदेश पारित कर चुके है।

गौरतलब है कि सी.पी.सी.बी के गाइडलाइंस के अनुसार मूर्ति विसर्जन के लिए तालाब से पानी को निकलवाकर तलाब के धरातल और चारो तरफ सिंथेटिक लीनर बिछवा कर मूर्ति विसर्जन राज्य के पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड की देखरेख किया जाना जरूरी है। जब कि पिछले वर्ष अंधावा के तलाव में मूर्ति विसर्जन के समय जिला प्रशासन ने जानबूझ कर सी.पी.सी.बी के गाइडलाइंस को दरकिनार किया था। यह जानकारी जनहित याचिका के अधिवक्ता श्री विजय चन्द्र श्रीवास्तव और सुश्री सुनीता शर्मा ने प्रेस को दिया।


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