डॉ जितेंद्र सिंह “इस संकट की घड़ी में प्रत्येक व्यक्ति का शारीरिक व मानसिक रूप से स्वस्थ रहना अत्यंत आवश्यक है”
इस संकट की घड़ी में प्रत्येक व्यक्ति का शारीरिक व मानसिक रूप से स्वस्थ रहना अत्यंत आवश्यक है । उक्त बातें राष्ट्रीय सेवा योजना के वेबीनार में बोलते हुए नोडल अधिकारी डॉ जितेंद्र सिंह कहीं उन्होंने बताया वेबीनार में जनपद के 19 कार्यक्रम अधिकारी एवं लगभग 100 एनएसएस के छात्र छात्राओं ने सहभागिता की ।रिसोर्स पर्सन के रूप में बोलते हुए एनसीबीएस बैंगलोर के वैज्ञानिक डॉ संजय शुक्ला कोविड 19 की संरचना, संक्रमण, एवं इससे से बचने के उपाय पर विस्तार से जानकारी दी।
उन्होंने बताया छींकने की गति 320 किलोमीटर प्रति घंटा होती है इसीलिए बार-बार बताया जाता है कि शारीरिक दूरी बनाकर रखें क्योंकि यदि कोविड़-19ग्रस्त व्यक्ति छींकता है तो तीव्र गति से वायरस के कण दूर तक पहुंचने में सक्षम होते हैं ,वही कार्यक्रम अधिकारी डॉ रेखा शर्मा ने मातृ वंदन कार्यक्रम पर बोलते हुए कहा मां का कर्ज कोई भी व्यक्ति नहीं उतार सकता । मां हमें जन्म देती है एवं रोगों से लड़ने के लिए हथियार रूपी एंटीबॉडी भी देती है पहला एंटीबॉडी जिसे हम आईजीजी(IgG) कहते हैं जो गर्भावस्था में ही मां के प्लेसेंटा से बच्चे को मिल जाता है जो बच्चे को हर प्रकार के संक्रमण से बचाने के लिए फैगोसाएटोसिस में मदद करता है वही दूसरा एंटीबॉडी हथियार के रूप में मां जन्म के तुरंत बाद जब पहली बार दुग्ध पान करती है तब देती है जो हल्के पीले रंग का म्यूकस की तरह गाढ़ा द्रव्य होता है जिसे कोलोस्ट्रम कहते हैं इसी द्रव्य में एंटीबॉडी आइजी ए (IgA)होता है ।
अज्ञानतावश कई महिलाएं इसे गंदगी समझ कर अपने बच्चे को नहीं देती जबकि यही हथियार बच्चे के नासिका नली के म्यूकस में, मुख के अंदर लार में ,आंखों के अंदर अश्रु में होता है और जीवन भर संक्रमण से हमारी रक्षा करता है इस समय कोविड़ _19 से बचाने में हमारी एंटीबॉडी महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है इसीलिए सभी बुद्धिजीवी एवं चिकित्सक हमें इम्यून सिस्टम को मजबूत रखने के लिए जागरूक कर रहे हैं। कार्यक्रम अधिकारी डॉ शिव शरण शुक्ला ,नीलम छाबड़ा सहित स्वयंसेवी छात्र-छात्राएं श्रद्धा, महेश कुमार, दिव्या, आशा देवी ,श्रेया सिंह ने विभिन्न प्रकार के प्रश्न पूछे जिनका सटीक उत्तर डॉक्टर संजय शुक्ला ने दिया।
वेबिनार कार्यक्रम की समस्त जानकारी डॉ रेखा शर्मा द्वारा प्राप्त हुआ था ।