हाईकोर्ट के अपने साथियों का सम्मान कम नहीं होने दूंगा: अमरेंद्र नाथ सिंह

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*बार एसोसिएशन इलाहाबाद के अध्यक्ष अमरेंद्र नाथ सिंह का साक्षात्कार*

वीरेंद्र सिंह/सौरभ सिंह सोमवंशी प्रयागराज

न्याय की नगरी प्रयागराज में स्थित इलाहाबाद हाईकोर्ट जिसे एशिया के सबसे बड़े बार एसोसिएशन का खिताब हासिल है,के नवनिर्वाचित अध्यक्ष वरिष्ठ अधिवक्ता अमरेंद्र नाथ सिंह एडवोकेट जो उत्तर प्रदेश के तत्कालीन अविभाजित आजमगढ़ वर्तमान में मऊनाथभंजन के ताजेपुर परदहां गांव के मूल निवासी हैं। यद्यपि की इनका जन्म तत्कालीन इलाहाबाद में 1960 मे हुआ था। पिता स्वर्गीय श्री पद्मनाथ सिंह भारत की प्रथम विधानसभा जो 1952 में गठित हुई थी, के निर्वाचित विधायक के साथ साथ स्वतंत्रता संग्राम सेनानी भी थे । सौभाग्य से अमरेंद्रनाथ सिंह की माताजी भी स्वतंत्रता संग्राम सेनानी थी। पीढ़ी से ही राष्ट्र के प्रति प्रेम रूपी संस्कार अमरेंद्र नाथ सिंह में भी देखने को मिलता है ।स्वभाव से मृदुभाषी जो भी इनसे मिलता है इन्हीं का होकर रह जाता है ऐसी धारणा समाज में चर्चित है । अमरेंद्र नाथ सिंह का जन्म 1960 में प्रयागराज में हुआ।यहीं पर उनकी शिक्षा-दीक्षा सेंट जोसेफ उसके बाद राजकीय इंटरमीडिएट कॉलेज इलाहाबाद से हुई थी। तदुपरांत उच्च शिक्षा इलाहाबाद विश्वविद्यालय से हुई 1985 में इलाहाबाद विश्वविद्यालय से ही विधि स्नातक उत्तीर्ण होने के बाद
1985 अक्टूबर से उन्होंने अपने पिता वरिष्ठ अधिवक्ता श्री पद्मनाथ सिंह के चैंबर को ज्वाइन किया और वकालत प्रारंभ कर दी ।
1987 में सर्वाधिक वोटों से वे गवर्निंग काउंसिल चुने गए, 1988 में हाईकोर्ट बार एसोसिएशन के संयुक्त सचिव (प्रेस) चुने गए, इसके बाद 1989 में संयुक्त सचिव (प्रशासन) चुने गए । यह सिलसिला जारी रहा और 1991 में वे उपाध्यक्ष चुने गए।1993मे वरिष्ठ उपाध्यक्ष चुने गए। हाईकोर्ट बार एसोसिएशन के अधिवक्ताओं की रहनुमाई करते-करते अमरेंद्र नाथ सिंह की जीत का सिलसिला जारी रहाऔर वे पूरे प्रदेश के अधिवक्ताओं की आवाज बनने के लिए वे 2000 मे बार काउंसिल ऑफ उत्तर प्रदेश के सदस्य निर्वाचित हुए। और बार कौंसिल आफ उत्तर प्रदेश में लगातार 4 बार यानी 20 वर्ष से सदस्य निर्वाचित होते रहे हैं।
20003मे वे बार काउंसिल ऑफ उत्तर प्रदेश के उपाध्यक्ष चुने गए।2007 में बार कौंसिल आफ उत्तर प्रदेश के अध्यक्ष चुने गए ।
बार काउंसिल ऑफ उत्तर प्रदेशके पदाधिकारी अमरेंद्र नाथ सिंह को देश के विभिन्न जगहों पर अधिवक्ता हितों की बात उठाने के लिए जाना जाता है ।आपको देश ही नहीं विदेश(लंदन) में भी भारत के अधिवक्ताओं के प्रतिनिधि के रुप में महत्वपूर्ण कांफ्रेंस में बुलाया गया और ला सोसायटी आफ इंग्लैंड द्वारा 2010मे सम्मानित किया गया।

तमाम महत्वपूर्ण पदों पर रहकर अधिवक्ताओं की आवाज विभिन्न पटल पर उठाते उठाते एक बार पुनः अमरेंद्र नाथ सिंह एशिया के सबसे बड़े बार एसोसिएशन के अध्यक्ष के रूप में 2020में निर्वाचित हुए हैं।

इनसे कुछ महत्वपूर्ण बिंदुओं पर वार्ता वरिष्ठ पत्रकार वीरेंद्र सिंह व सौरभ सोमवंशी ने की। बातचीत के अंश निम्न है

सवाल 1.
आप ने पहले हाईकोर्ट बार एसोसिएशन की राजनीति की फिर बार काउंसिल ऑफ उत्तर प्रदेश की राजनीति किए तदुपरांत इलाहाबाद हाईकोर्ट बार एसोसिएशन के चुनाव में आने की आपको क्या आवश्यकता पड़ गई?

जवाब- जरूरत नहीं पड़ गई हाई कोर्ट बार एसोसिएशन का अध्यक्ष होना अपने आप में बड़े गौरव व सम्मान की बात है, मेरे व्यवसायिक जीवन में वकालत पेशा भी हाईकोर्ट बार से ही शुरू हुआ था और मुझे अप्रतिम प्रेम इलाहाबाद हाईकोर्ट के साथियों ने दिया। और मैं यह अवसर चाहता था कि इलाहाबाद हाईकोर्ट बार एसोसिएशन के अपने साथियों के लिए कुछ कर सकूं दूसरा यह है कि भारत ही नहीं दुनिया में इलाहाबाद हाईकोर्ट बार एसोसिएशन का एक अपना स्थान है और ना केवल यही दुनिया के न्यायिक इतिहास में इलाहाबाद उच्च न्यायालय का योगदान और यहां के न्यायाधीशों के द्वारा दिए गए निर्णय एक मिसाल हैं। यहां के न्यायाधीशों और यहां के अधिवक्ताओं ने दुनिया में इस संस्था का गौरव बढ़ाया है। जहां का अध्यक्ष निर्वाचित होना अधिवक्ता समाज के सम्मान की बात है।

सवाल2. आप के चुनाव ने जातीय बंधन को समाप्त कर दिया इस पर आप क्या कहेंगे?

जवाब-हाई कोर्ट बार एसोसिएशन का चुनाव विधानसभा और लोकसभा के चुनाव की तरह जाति संप्रदाय व भाषा आधारित नहीं होता है अब तक मैंने जितने भी चुनाव लड़े थे मेरे अधिवक्ता बंधुओं ने मुझे कभी ऐसा एहसास ही नहीं होने दिया कि हम जाति के आधार पर आपके साथ हैं या नहीं हमें तो हर जाति बिरादर व संप्रदाय के लोगों ने प्यार और दुलार हमेशा से दिया है।

सवाल3. प्रयागराज से एजुकेशन ट्रिब्यूनल कोर्ट ,पुलिस हेड क्वार्टर, बेसिक शिक्षा परिषद सहितकई महत्वपूर्ण कार्यालय सरकार द्वारा लखनऊ स्थानांतरित किए जा रहे हैं, पूर्व में बार एसोसिएशन ने इसके लिए संघर्ष भी किया लेकिन यह आंदोलन केवल वकीलों का आंदोलन बन के रह गया जिसका कोई परिणाम नहीं निकल पाया, क्या आप इसकी बार एसोसिएशन व आम जनमानस के सहयोग से लड़ाई लड़ेंगे?

जवाब- यह सत्य है कि इस मुद्दे पर पूर्व का आंदोलन अधिवक्ता आंदोलन बनकर ही रह गया था हम इसे अपने कार्यकाल के प्रारंभ में ही बार एसोसिएशन के साथ-साथ प्रयागराज के आम जनमानस व संगठनों को जोड़कर उचित प्लेटफार्म पर लड़ाई लड़ेंगे एवं प्रयागराज के गौरव व इसके अस्तित्व को मिटने नहीं देंगे। प्रयागराज में लीडरशिप की कमी है यहां के दलीय नेता इस मुद्दे पर मुखर होकर विरोध नहीं कर पाते हैं यह अति निंदनीय कार्य है ।चंद अधिकारियों के द्वारा अपनी सुविधाओं के लिए ऐसा किया जा रहा है।

सवाल4.इलाहाबाद हाईकोर्ट बार एसोसिएशन के अध्यक्ष की हैसियत से आपकी भविष्य में क्या कार्य योजना रहेगी?*

जवाब- हम अधिवक्ताओं के लिए मेडिकल क्लेम, उनके बैठने की व्यवस्था, सुरक्षा की व्यवस्था के साथ साथ महिला अधिवक्ताओं के हितों का ध्यान रखेंगे।

सवाल5. आप बार और बेंच के बीच समन्वय कैसे स्थापित करेंगे?

जवाब-पहली बात तो बार और बेंच के बीच किसी प्रकार का विरोध ही नहीं है जो गलतफहमियां हैं उनको दूर करना मेरी जिम्मेदारी है उच्च आदर्शों के साथ-साथ हमें स्वत: आत्मअनुशासित होना चाहिए दोनों का ही कार्य न्याय दिलाना है।

सवाल5. प्रदेश में अधिवक्ताओं की हत्याओं का दौर बहुत तेजी से चल रहा है आप बार काउंसिल ऑफ उत्तर प्रदेश में भी वर्तमान में सदस्य हैं और बार एसोसिएशन के निर्वाचित अध्यक्ष भी हैं इसके लिए आप क्या रणनीति बनाएंगे?

जवाब-अधिवक्ताओं की हत्यायें इधर बीच बेशक अधिक हुई हैं इन मुद्दों को लेकर हम अपने साथियों के साथ शासन प्रशासन से पहले भी लड़ते रहे हैं बार काउंसिल ऑफ उत्तर प्रदेश ने कई बार इसके लिए हड़ताल भी की है अब आगे इन मुद्दों को लेकर मुख्यमंत्री से मुलाकात कर कार्रवाई के लिए दबाव डालेंगे।

सवाल6. अधिवक्ताओं के चरित्र में गिरावट आई है इसको आप कैसे देखते हैं?

जवाब-गिरावट तो समाज के हर वर्ग में आई है अधिवक्ता भी समाज का एक अंग है कहीं ना कहीं असर इस पर भी पड़ा है इससे इनकार नहीं किया जा सकता। हम सम्मानित अधिवक्ता बंधुओं से अपील करेंगे कि आत्मअनुशासित होकर अपने गौरव को बनाए रखने के लिए अपने पेशे के साथ ईमानदारी बरतें।

सवाल7 . वकालत पेशे के दौरान आपके आदर्श अधिवक्ता कौन रहे?

जवाब- मैंने श्री श्याम नाथ कक्कड़ ,बाबू जगदीश स्वरूप को देखा भी है और बहस करते हुए सुना भी है मैं दिवंगत अधिवक्ता स्वर्गीय श्री राम जेठमलानी जी का भी कायल रहा हूं।


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