अभिव्यक्ति की आजादी के नाम पर मां काली का अपमान बर्दाश्त नहीं किया जा सकता : संजय पोद्दार

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डॉ अजय ओझा।

दूसरे के धर्म के साथ ऐसा कर सकते हैं क्या।

हिंदू धर्म का मजाक बनाना इंटरटेनमेंट से जुड़े कुछ लोगों की मानसिकता बन गई है।

नूपुर शर्मा पर सर कलम / मां काली के अपमान पर चुप क्यों।

रांची, 5 जुलाई। श्री महावीर मंडल डोरंडा केंद्रीय समिति के अध्यक्ष संजय पोद्दार मंत्री पप्पू वर्मा ने तांडव फिल्म जिसमें मां काली को सिगरेट पीता दिखाया गया है इसकी कड़ी शब्दों में निंदा की है श्री पोद्दार ने कहा अभिव्यक्ति की आजादी के नाम पर मां काली का अपमान बर्दाश्त नहीं किया जा सकता दूसरे धर्म के साथ ऐसा कर सकते हैं क्या हिंदू धर्म का मजाक बनाना इंटरटेनमेंट दूसरे धर्म के बारे में बोलने पर सर कलम आजकल फिल्मी दुनिया हो या वेब सीरीज हो या फिर नेता हो या अन्य दूसरे धर्म के लोग हो हिंदू धर्म का मजाक बनाना हिंदू धर्म के बारे में कहना आम बात हो गई है वही आप रियेक्ट करते हैं तो आप संप्रदायिक कहलाते हैं। सभी बुद्धिजीवी गैंग आपके विरुद्ध खड़े होकर लंबा लंबा भाषण देना शुरु कर देते हैं देश खतरे में है देश का माहौल खराब करने की कोशिश हो रही है तरह तरह की बातें होने लगती है जब हिंदू देवी देवताओं का उपहास उड़ाया जाता है तो वही गैंग कहते हैं यह तो इंटरटेनमेंट के लिए बनाया गया था थोड़ा विरोध होता है थोड़ा बहुत उसमें एडिट कर फिर से बाजार में परोस दिया जाता है परंतु मूल जो भावों है और जो फिल्म में दिखाना चाहते हैं निर्माता वह तो दिखाई देते हैं उनको पता है हिंदुस्तान में थोड़ा विरोध होगा फिर लोग शांत हो जाएंगे क्योंकि उनके पीछे टुकड़े-टुकड़े गैंग और कुछ पॉलिटिकल पार्टी जो खड़ी है।

यह कहानी आज की नहीं है यह बरसो से चला आ रहा है भगवान का अपमान करते रहिए फिर कहेंगे हिंदुओं को बड़ा दिल दिखाना चाहिए क्या हुआ अगर कुछ दिखाई दिया तो हम भी तो हिंदू है हमें भी भगवान पर आस्था है यह वही लोग है जो भगवान राम के अस्तित्व पर सवाल उठाते हैं मनीष शंकर अय्यर ने कहा था दशरथ के महल में 10 हजार कमरे थे भगवान राम कहां पैदा हुए थे मकबूल फिदा हुसेन ने लक्ष्मी गणेश जी का नग्न फोटो बनाया था वही आमिर खान ने PK फिल्म बनाई थी और भगवान शंकर को एलियन के डर से भागते हुए दिखाया गया था सेक्सी दुर्गा, रघुकुल रित चली आई उसके बाद किसिंग सीन ऐसे कई उधारण है जिसे आप देखेंगे तो हमेशा से इंटरटेनमेंट के नाम पर हिंदू देवी देवताओं का मजाक बनाया जाता रहा है। यही नहीं इस महान देश के परंपरा में संतों का बहुत महत्व है और ऐसे संतो का भी मजाक बनाया गया है जिसमें कई आपत्तिजनक दृश्य दिखाए जाते हैं साधु महात्माओं का उपहास उड़ाया जाता है आप दूसरे धर्म के किसी मौलवी या पादरी का उपहास उड़ाकर तो दिखाएं फिल्म निर्माता ऐसे लोगों का उपहास उड़ाने की हिम्मत भी नहीं हैं क्योंकि उनको पता है कि सर कलम हो जाएगा।

आप रोजमर्रा की जिंदगी में इस्तेमाल करने वाले ऐसे कई चीजें हैं खासकर अगरबत्ती के पैकेट पर भगवान की तस्वीरें लगाकर बेचा जाता है और खाली डब्बे को रोड पर पैर से कुचलने के लिए छोड़ दिया जाता है और इस कारोबार में एक विशेष समुदाय का वर्चस्व रहा है पर कहे कौन फिल्म इंडस्ट्रीज मैं भी एक साजिश के तहत इस तरह के फिल्म बनाया जाते हैं सबको पता है फिल्म इंडस्ट्रीज में किसका वर्चस्व है सनातनी धर्म की परीक्षा ना ले मंडल सरकार से मांग करती है कि इस फिल्म पर रोक ही नहीं पूरी फिल्म पर बैन लगे और इस फिल्म के निर्माता पर। सख्त कार्रवाई हो।


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