देश को एक ट्रांस्पैरेंट राजनीति की जरूरत जो आकड़ो के साथ काम करे

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संतोष श्रीवास्तव ।

आज पूरे देश मे एक ऐसा राजनीतिक माहौल बन चुका है जिसको देखने से ऐसा कभी लगता ही नही की आज के नेता राजनीति खुद के अच्छे भविष्य के या अपनी पार्टी के भविष्य के लिए कर रहे ।
देश के कई राज्यो में राजनीतिक अस्थिरताओं को देखते हुए बहुत दुखी हूं ।जिसके साथ बहुत पीड़ा उठ रही है मेरे मन मे
आज की राजनीति में मतदाता कहा खड़ा है। ये बात समझ से परे हो चुकी है मैं ऐसा इस लिए कह रहा हु की आज का मतदाता कही जाती के चक्कर में, कही धर्म के चक्कर, तो कही क्षेत्र के चक्कर के आधार पे अपने वोट के आधार पे सरकार चुनती है। जिसका परिणाम कितना भयावह साबित हो रहा देश के लिए ऐसी खबरों से बिल्कुल अनजान है आज का मतदाता।

आज जिस तरह से पार्टीयो के आईं टी सेल ने पूरे देश मे झूट का ऐसा मकड़ जाल फैला दिया है योग्य से योग्य मतदाता देश के प्रति अपनी जबाबदेही को पूरी तरह से भूला के पार्टीयो की गंदी राजनीति का शिकार बनता जा रहा है । जिसका वर्तमान उदाहरण पशिम्म बंगाल का चुनाव है जनता और देश का इतना पैसा बंगाल के चुनाव में खर्च करके आज तक वह राजनीतिक द्वाब्द अपने चरम पे है । जिस तरह से बंगाल की मुख्यमंत्री और राज्यपाल महोदय के बीच घटनाक्रम देखने को मिल रहा है उससे ये साबित होता है कि राजनीति में मतदातों के मत का उपयोग एक स्थिर सरकार देने से ज्यादा एक मज़बूत पार्टी देना मात्र बन कर रह गया है ।

चुनाव के बाद मजबूत पार्टीयो का शुरु होता है गंदा खेल। सौदे के हिसाब से मंत्री को जिम्मेदारी दी जाती है फिर वही मंत्री अपने अगले चुनाव की तैयारी के लिए सरकारी पैसो से शुरु करता है। अपना राजनीतिक कैरियर जिस बात को जानते हुए भी कोई कुछ नही कर पाता और देश को खोखला होते हुए मूक बना, ये सब देखता रहता है ऐसे लोग इस लिए करते है कि कभी ऐसे नेताओं की राजनीति में अगले का भी लाभ छुपा होता है ।

एक बात मैं बात मैं बड़ी जिम्मेदारी से कहना चाहता हु की आज देश की राजनीति में न कोई राजनीति दिखती है ना सिद्धान्त टोपी से लेकर भगवा तक सिर्फ एक अवसर दिखता है। कहा मर गया आज के नेताओ का ज़मीर कैसे मर गया इनके आंखों का पानी बहुत पीड़ा होती है जब लोग बड़े आसानी ये कह देते है सब ऐसे ही चलता रहेगा कोई नही बदल सकता देश की इस तस्वीर को।
मैं ऐसी सोच रखने वालो से कहना चाहता हुं अपने आत्मा में झांक के देखो तुम्हे अपनी आने वाली पीढ़ियों की आवाज सुनाई देगी। वो आपसे पूछते नजर आएंगे की कहा ले जा रहे है आप लोग देश को ? अभी भी समय है बस एक बात जरूर सोचो कि आपका एक एक मत पूरे देश की दिशा और दशा बदलने की क्षमता रखता है। बस जरूरत है आपकी क्षमता को सही मंच मिलना अब ये आपकी नैतिक जिम्मेदारी बनती है कि अब आप देश को कैसा नेता देने जा रहे उसे जो सिर्फ धर्म जाती क्षेत्र की बात करके आपको दिशा हीन राजनीति में झोंक देगा या फिर उसे जो आपके साथ पूरे आकड़ो के साथ खुले मंच पे साथ खड़ा होके आपको और देश को एक सही दिशा और दशा प्रदान कर सके।
अब वो समय आ गया है जब जनता को आकड़ो पे ही बात करके देश की असली तस्वीर को पटल पे रखने की जरूरत है।
देश को एक ट्रांस्पैरेंट राजनीति की जरूरत जो आकड़ो के साथ काम करे ।
एक बात कितनी अजीब सी लगती है: आजादी से लेकर आज तक वही सामाजिक मुद्दे पार्टीयो की राजनीति के आधार बने हुए है। जिसके आधार पे वो आज भी लोगो से वोट माग रहे जो शिक्षा, च्चिकित्सा, पानी, भ्रष्टाचार जो आज भी चरम पे है कोई भी सरकार खत्म नही कर पाई।
मैं देश की जनता को आगाह करना चाहता हु नेताओ की तरह सोच रखोगे तो देश का कभी भला नही हो सकता। एक सच्चे देशभक्त की भांति सही गलत में को समझे और सही का साथ दे ।

लेखक जय हिंद नेशनल पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता है।


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